धनबाद : रंजीत सिंह हत्याकांड में बाइक सवार अपराधी इस्ट बसुरिया क्षेत्र के थे. इन अपराधियों का नाम व पता पुलिस को चल गया है. पुलिस इन शूटरों से जुड़े तीन युवकों को उठाकर उसकी निशानदेही पर छापामारी कर रही है. पुलिस को रंजीत हत्याकांड की एफआइआर की पुष्टि भी अभी तक की छानबीन हो गयी है.
जेल में बंद राजेश चौहान के सहयोगी भीमा व गैंग्स के लोगों की संलिप्तता के पुख्ता सबूत पुलिस को मिल गये हैं. जिस मोबाइल से रंजीत को फोन पर धमकी दी गयी थी, उसका पूरा सत्यापन कर लिया गया है. इसी आधार पर पुलिस ने राजेश चौहान व गोलू से जुड़े लोगों पर दबिश बढ़ायी है. ताकि गिरफ्तार किया जा सके.
संदिग्ध मोबाइल नंबरों की जांच में भी मिली अहम जानकारी : पुलिस छानबीन में संदिग्ध मोबाइल नंबरों की जांच में भी अहम जानकारी मिली है. पुलिस अनुसंधान प्रभावित होने के भय से मामले की अभी कोई जानकारी देने से बच रही है. मामले की जांच के लिए ग्रामीण एसपी के नेतृत्व में गठित एसआइटी के अफसर अलग-अलग बिंदुओं पर काम कर रहे हैं. टीम में शामिल युवा अफसर छापामारी के साथ टेक्निकल अनुसंधान में भी लगे हुए हैं. वरीय पदाधिकारी एसआइटी की कार्रवाई की लगातार मटरिंग कर रहे हैं.
गोलू, बिट्टू व राजेश की खोज में छापा
पुलिस गोलू, बिट्टू व राजेश को खोज रही है. तीनों फरार हैं. रंगदारी के लिए धमकी देकर हत्या व हत्या में शामिल शूटरों के साथ षडयंत्रकारियों का भी पुलिस खुलासा कर ली है. पुलिस की टीम राजेश चौहान व गैंग्स ऑफ वासेपुर से अप्रत्यक्ष रूप से संबंध रखने वालों पर भी नजर रख रही है.
सीआइडी आइजी लौटे
धनबाद. रंजीत मर्डर केस में पुलिस द्वारा की जा रही कार्रवाई से अवगत होने के बाद सीआइडी आइजी रंजीत कुमार प्रसाद शुक्रवार को वापस रांची लौट गये. सीआइडी टीम धनबाद पुलिस के सहयोग के लिए आयी थी. सीआइडी की ओर से जिला पुलिस के अफसरों से पूछा गया कि उन्हें क्या मदद की जा सकती है. सीआइडी से कैसी मदद की जरूरत है. सीआइडी को जिला पुलिस की ओर से बताया गया कि अनुसंधान सही दिशा में जा रही है. शूटर व षडयंत्रकारियों की पहचान हो गयी है. जल्द ही अपराधी दबोच लिये जायेगें.