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डीवीसी का उत्पादन 40 फीसदी घटा

पूरे कोयलांचल में त्राहिमाम बिजली संकट से तत्काल निजात की संभावना नहीं धनबाद : कोयलांचल में बिजली के लिए त्राहिमाम की स्थिति है. 24 घंटे में 10 से 12 घंटे ही बिजली मिल रही है. हर वर्ग के लोग त्राहि-त्राहि कर रहे हैं. झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) इस संकट का पूरा दोष डीवीसी […]

पूरे कोयलांचल में त्राहिमाम

बिजली संकट से तत्काल निजात की संभावना नहीं
धनबाद : कोयलांचल में बिजली के लिए त्राहिमाम की स्थिति है. 24 घंटे में 10 से 12 घंटे ही बिजली मिल रही है. हर वर्ग के लोग त्राहि-त्राहि कर रहे हैं. झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) इस संकट का पूरा दोष डीवीसी के माथे मढ़ रहे हैं. डीवीसी भी कोयला संकट का हवाला देकर रोज आठ घंटे तक लोड शेडिंग कर रहा है. रही-सही कसर जेबीवीएनएल निकाल रहा है. डीवीसी का उत्पादन लगभग 45 फीसदी कम हो गया है.
क्या है स्थिति : डीवीसी के एक वरीय अधिकारी के अनुसार अभी साठ फीसदी तक ही उत्पादन हो रहा है. डीवीसी के सातों पावर प्लांट में कोयला की भारी कमी है. अधिकृत सूत्रों के अनुसार डीवीसी का सबसे बड़ा पावर प्लांट मेजिया की आठ में से तीन यूनिट में उत्पादन ठप हो गया है. इसी तरह बोकारो थर्मल, चंद्रपुरा, अंडाल, दुर्गापुर, रघुनाथपुर, कोडरमा में भी क्षमता के अनुसार उत्पादन नहीं हो रहा है. सूत्रों के अनुसार डीवीसी के पावर प्लांटों से रोज लगभग पांच हजार मेगावाट उत्पादन होता था. वह घट कर तीन हजार मेगावाट तक पहुंच गया है. सभी प्लांटों में कोयला की भारी कमी है. यह संकट पिछले एक माह से चल रहा है.
मैथन, पंचेत में एक सौ मेगावाट उत्पादन : डीवीसी के मैथन एवं पंचेत हाइडल पावर प्लांट में अभी औसतन प्रतिदिन एक सौ मेगावाट बिजली का ही उत्पादन हो रहा है. मैथन से 60 तो पंचेत से 40 मेगावाट उत्पादन हो रहा है. इन दोनों स्थान पर अभी पानी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है.

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