धनबाद. पितृ पक्ष मंगलवार से प्रारंभ हो रहा है. अश्विन माह कृष्ण पक्ष में पंद्रह दिन का पखवारा पितृ पक्ष का होता है. 25 सितंबर से अगस्त तर्पण के साथ ही पूर्ण पितृ पक्ष शुरू हो जायेगा. पंडित गुणानंद झा बताते हैं कि पितृपक्ष अपने पूर्वजों को स्मरण करने का समय होता है. शास्त्र में विदित है कन्या राशि के समय सूर्य पृथ्वी के नजदीक आता है इसलिए इस समय पितर पृथ्वी पर आते हैं. अपने बच्चों को देख कर तृप्त होते हैं. जो साधक अपने पितरों के निमित्त जल में तिल और कुश डाल कर तर्पण करते हैं उनके पितरों को असीम तृप्ति मिलती है.
वे अपने बच्चों को आशीर्वाद देते हैं. पितृ पक्ष में गया में मेला लगता है. गया के फाल्गुनी नदी, विष्णुपद, धर्मशील, बोधगया एवं धर्मरण्य इन पांच स्थानों में से किसी एक स्थान पर पितरों के नाम से पिंड दान करते हैं तो पितरों को अनंत संतुष्टि मिलती हैं. महालया के दिन पितर अपने घर लौट जाते हैं. पितृपक्ष के समय जो साधक अपने पितरों को जल देकर श्रद्धा भक्ति नहीं करते हैं, उनके पितर निराश होते हैं. निराश पितर हुंकार भरते हैं, जिससे परिवार को हानि होती है, परिवार में कुसंस्कार प्रवेश करता है. पितरों को जल तस्मये स्वाधा का तीन बार मंत्रोच्चारण के साथ अर्पित करना चाहिए. नौ अक्तूबर को पितृपक्ष समाप्त हो जायेगा. 10 अक्तूबर से मातृपक्ष शुरू होगा.
अनंत चतुर्दशी आज
धनबाद. 23 सितंबर को अनंत चतुर्दशी है. अनंत चतुर्दशी भादो मास शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है. मान्यता है कि अनंत भगवान की पूजा करने से समृद्धि, धन-धान्य एवं सभी तरह की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान अनंत का ध्यान करने से भक्तों पर उनकी विशेष कृपा होती है. परिवार खुशहाल रहता है.