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बीसीसीएल सीएमडी पद से हटाये गये अजय कुमार सिंह

धनबाद : कोयला मंत्रालय ने बीसीसीएल के सीएमडी अजय कुमार सिंह को उनके पद से हटा दिया है. उन्हें तत्काल प्रभाव से इसीएल में महाप्रबंधक के पद पर योगदान देने को कहा गया है. सिंह इसके पहले इसीएल में जीएम थे. उनका बीसीसीएल में सीएमडी पद पर कार्यकाल एक साल 20 दिन का रहा. एप्वाइंटमेंट […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 17, 2018 8:00 AM
धनबाद : कोयला मंत्रालय ने बीसीसीएल के सीएमडी अजय कुमार सिंह को उनके पद से हटा दिया है. उन्हें तत्काल प्रभाव से इसीएल में महाप्रबंधक के पद पर योगदान देने को कहा गया है. सिंह इसके पहले इसीएल में जीएम थे. उनका बीसीसीएल में सीएमडी पद पर कार्यकाल एक साल 20 दिन का रहा.
एप्वाइंटमेंट कमेटी ऑफ कैबिनेट के सेक्रेटरी पीके त्रिपाठी के हस्ताक्षर से 16 अक्तूबर को जारी अधिसूचना में सिंह को बीसीसीएल सीएमडी पद से तत्काल प्रभाव से हटाते हुए उन्हें बतौर महाप्रबंधक इसीएल सीएमडी को रिपोर्ट करने को कहा गया है. यह कार्रवाई अनियमितता के मामलों में सीवीसी की अनुशंसा पर की गयी है.
इसीएल में डीटी के पद पर भी नियमित नहीं हुए थे एके सिंह
31.08.2018 को सीवीसी ने पत्राचार में मंत्रालय को सलाह दी कि वह शिकायत के आलोक में अजय कुमार सिंह के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई कर सकता है. इसी आलोक में मंत्रालय ने श्री सिंह को सीएमडी के पद के नियमित नहीं करने की पुष्टि की. मंत्रालय का कहना है कि बतौर सीएमडी बीसीसीएल में पदभार ग्रहण करने से पूर्व सिंह इसीएल में 15.09.2017 सेे 25.09.2018 तक निदेशक (तकनीकी) रहे. लेकिन निदेशक के रूप में उनके कार्यकाल की नियमितता की पुष्टि नहीं की जा सकी, क्योंकि तब तक बीसीसीएल के सीएमडी के रूप में उनका चयन हो गया था.
31.03.2011 के दिशा निर्देश के अनुसार सीएमडी या कार्यकारी निदेशक के रूप में कोई तब तक नियमित नहीं हो जाता जब तक कि एक साल के बाद तीस दिनों के अंदर मंत्रालय पीएसइबी को प्रस्ताव नहीं भेज देता. मंत्रालय के अनुसार चूंकि सिंह डीटी के पद पर एक साल दस दिन रहे, इसलिए उन्हें डीटी के रूप में नियमित नहीं किया जा सकता. इसलिए वह इसीएल में जीएम हैं, इसलिए वह वहीं भेजे जाते हैं.
आउटसोर्सिंग कंपनी को दुबारा टेंडर देने में फंसे
अजय कुमार सिंह पर पुराने मामले में कार्रवाई हुई है. वह इसीएल में जब सलानपुर एरिया में जीएम थे, तब आउटसोर्सिंग कंपनी मेसर्स महालक्ष्मी इंफ्रा कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा समय से पूर्व काम बंद कर दिया गया. फिर दुबारा टेंडर हुआ तो उसी कंपनी को कार्य आवंटित कर दिया गया, जिसने काम को आधा-अधूरा छोड़ दिया था. इससे कंपनी को आर्थिक नुकसान हुआ. साथ ही अन्य चार शिकायतें भी हैं. इसकी निगरानी जांच की गयी थी. सीवीसी ने मंत्रालय को बड़ी दंडात्मक कार्रवाई की अनुशंसा की थी.
सीवीसी की अनापत्ति पर कंफर्म होता सीएमडी पद
एक साल 20 दिन पूर्व सिंह ने बीसीसीएल के सीएमडी के रूप में पदभार ग्रहण किया था. नियुक्ति के एक वर्ष पूरा होने पर पद की नियमितता की पुष्टि के लिए सीएमडी/कार्यशील निदेशक के एक साल के कार्यकाल का प्रदर्शन तथा निगरानी अनापत्ति हासिल करना जरूरी है.
कोयला मंत्रालय का कहना है कि सिंह के बीसीसीएल सीएमडी की सेवावधि की नियमितता का प्रस्ताव विचाराधीन था तथा केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) से उनके लिए अनापत्ति देने का अनुरोध किया गया था. सीवीसी ने सिंह के खिलाफ शिकायत विचाराधीन होने की सूचना दी थी. 27.07.2018 को आयोग ने कहा कि इस समय वह इस पर विचार नहीं कर सकता है. उनके खिलाफ बड़ी दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है.
पंचमी को आये थे और सप्तमी को चले गये
25 सितंबर 2017 शारदीय नवरात्र की पंचमी को अजय कुमार सिंह ने सीएमडी बीसीसीएल का पदभार ग्रहण किया था. करीब 385 दिन बाद शारदीय नवरात्र की सप्तमी को उन्हें सीएमडी पद से मुक्त कर दिया गया.
फोर क्लोजर के 13 मामलों में कोयला मंत्रालय ने शुरू की कार्रवाई
बीसीसीएल व इसीएल में कोयला खनन के आउटसोर्सिंग कार्य गलत ढंग से बीच में ही अधूरा छोड़ देने (फोरक्लोजर) के 13 मामलों में कोयला मंत्रालय ने कार्रवाई शुरू कर दी है. इस बाबत कोयला मंत्रालय की अंडर सेक्रेटरी अलका शेखर ने 26 सितंबर को कोल इंडिया प्रबंधन को पत्र भेज कर दोनों कंपनियों के कार्यरत व रिटायर्ड करीब 60 अधिकारियों पर कार्रवाई से संबंधित दिशा-निर्देश दिया था.
संसदीय समिति ने भी इस मामले में आपत्ति जताते हुए सीबीआइ जांच की अनुशंसा करते हुए कार्रवाई का निर्देश दिया था. जिसके मुताबिक कोल इंडिया के वित्त निदेशक व इसीएल के तत्कालीन प्रभारी सीएमडी सीके डे को 30 सितंबर को सेवानिवृत्ति के पहले चार्जशीट थमा दी गयी थी. वहीं बीसीसीएल व इसीएल के तत्कालीन सीएमडी व निदेशक समेत दर्जनों रिटायर्ड अधिकारियों की कार्यप्रणाली को असंतोष जताते हुए नाखुशी पत्र जारी किया जा रहा है.

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