धनबाद: खनिज क्षेत्र विकास प्राधिकार (माडा) के एक सौ कर्मियों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना के तहत योजना का लाभ दिया जायेगा. ऐसे कर्मियों की सभी बकायी राशि का भुगतान एकमुश्त होगा. गंभीर आर्थिक संकट से त्रस्त माडा कर्मियों के लिए पिछले दिनों नगर विकास विभाग ने दो योजनाएं दी थीं. एक वीआरएस तथा दूसरा नगर निगम में अपनी सेवा ट्रांसफर का ऑप्शन. अभी माडा कर्मियों का 27 माह का वेतन बकाया है.
कर्मचारियों की माली हालत अत्यंत खराब है. अधिकृत सूत्रों के अनुसार माडा के पास आय के जो स्रोत हैं, उससे एक हजार कर्मी को ही नियमित वेतन दे पाना संभव है. जबकि माडा के पास अभी 1800 कर्मी हैं. यानी आठ सौ कर्मी ज्यादा है. बकाया वेतन सहित अन्य भत्ताें के लिए माडा कर्मी लगातार आंदोलन, हड़ताल तक करते रहे हैं.
वीआरएस में रुचि नहीं
उपायुक्त प्रशांत कुमार के अनुसार माडा के 18 सौ कर्मियों में से एक सौ कर्मियों ने वीआरएस के लिए आवेदन दिया है. यानी पांच प्रतिशत कर्मियों ने ही वीआरएस में रुचि दिखायी. वीआरएस के लिए मिले आवेदन को राज्य सरकार को भेजा जायेगा. वीआरएस के लिए आवेदन देने वाले कर्मियों को बकाये वेतन सहित अन्य राशि का नियमानुसार भुगतान एकमुश्त होगा. उपायुक्त के अनुसार माडा कर्मियों को वीआरएस के लिए एक और मौका देने पर विचार किया जा रहा है. वीआरएस लेने वालों को सभी राशि का भुगतान राज्य सरकार करेगी.
वीआरएस के लिए आवेदन देने वालों को राज्य सरकार सारे बकाये वेतन का भुगतान करेगी. साथ ही, उनके बचे हुए सेवा काल की राशि का भी भुगतान होगा. कोई अतिरिक्त पैकेज नहीं दिया जायेगा. वीआरएस के लिए एक अन्य ऑप्शन पर हाइ पावर कमेटी की बैठक में निर्णय लिया जायेगा.
अजय कुमार सिंह, सचिव, नगर विकास विभाग.