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कंट्रोल रूम खुला, चेक नाका बना और बंद हो गया

धनबाद : कोयला चोरी रोकने के लिए समय-समय पर जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन और बीसीसीएल प्रबंधन समय-समय पर योजना तो बनाती है. लेकिन, धरातल पर उतार नहीं पाती है. उतरती भी है तो कुछ समय के लिए. 24 घंटे के लिए खुला कंट्रोल रूम : वर्ष 2013-14 में तत्कालीन उपायुक्त प्रशांत कुमार के कार्यकाल में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 21, 2018 5:47 AM
धनबाद : कोयला चोरी रोकने के लिए समय-समय पर जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन और बीसीसीएल प्रबंधन समय-समय पर योजना तो बनाती है. लेकिन, धरातल पर उतार नहीं पाती है. उतरती भी है तो कुछ समय के लिए.
24 घंटे के लिए खुला कंट्रोल रूम : वर्ष 2013-14 में तत्कालीन उपायुक्त प्रशांत कुमार के कार्यकाल में कोयला चोरी रोकने के लिए कई योजनाएं बनी थी. इसमें 24 घंटे जिला नियंत्रण कक्ष चालू रखने की बात हुई थी. जिला नियंत्रण कक्ष में इसके लिए एक कक्ष खुला. यहां टेलीफोन लगाया गया, जिसका नंबर सार्वजनिक किया गया था.
तीन पाली में दंडाधिकारी के नेतृत्व में सशस्त्र पुलिस बल की तैनाती की गयी थी. गुप्त सूचना के आधार पर कोयला चोरों के खिलाफ छापामारी अभियान चलाया जाता था. कुछ दिनों तक यहां कंट्रोल रूम तो चला. धीरे-धीरे यहां अधिकारियों ने रुचि लेना छोड़ दिया.
पांच जगह चेक नाका की थी योजना : उसी समय कोयला चोरी रोकने के लिए पांच स्थानों पर चेक नाका बनाने की योजना बनी थी. इन चेक नाकों पर बीसीसीएल, जिला प्रशासन, परिवहन, वाणिज्य कर विभाग के अधिकारियों को रहना था. आनन-फानन में भुईफोड़ मंदिर के पास एक अस्थायी चेक नाका खुला. इन चेक नाका पर कोयला लेकर गुजरने वाली ट्रकों, डंपर, हाइवा की जांच होनी थी. लेकिन, चार स्थानों पर तो चेक नाका खुला ही नहीं. भुईफोड़ में बना नाका भी कुछ दिनों में ही बंद हो गया. आज केवल बांस लगा रह गया है.
एसडीएम की अध्यक्षता में बना उड़नदस्ता : कोयला चोरी रोकने तथा जगह-जगह अवैध उत्खनन रोकने के लिए एसडीएम की अध्यक्षता में एक उड़नदस्ता बना था. इसमे जिला खनन पदाधिकारी, जिला परिवहन पदाधिकारी, एक डीएसपी को रखा गया था. लेकिन, यह उड़नदस्ता भी दो-तीन स्थानों पर छापामारी कर भी ठंडा पड़ गया. बाद में यहां प्रतिनियुक्त अधिकारी भी स्थानांतरित हो गये. कालांतर में सारा अभियान ठंडा पड़ गया.
टॉस्क फोर्स की बैठक में होती है समीक्षा : कोयला चोरी एवं उत्खनन पर नियंत्रण के लिए जिला स्तर पर उपायुक्त की अध्यक्षता में एक टॉस्क फोर्स गठित हुई. इस टॉस्क फोर्स की बैठक हर माह होती है. इसमें कई निर्देश दिये जाते हैं. लेकिन, इसका असर जमीनी स्तर पर नाम मात्र के लिए ही पड़ता है. लगभग हर माह जिले में कहीं न कहीं अवैध खनन के कारण होने वाली दुर्घटनाएं यहां कोयला चोरी व अवैध उत्खनन का पोल खोल देती है.
बीकेबी के प्रोपराइटर, मैनेजर व अन्य पर एफअाइआर
धनबाद. बीसीसीएल की विश्वकर्मा प्रोजेक्ट से कुसंडा साइडिंग जा रही कोयला लोड हाइवा के गोल बिल्डिंग के पास पकड़े जाने के मामले में सरायढेला थाना में मंगलवार को प्राथमिकी दर्ज की गयी. पुलिस जांच के बाद बीकेबी ट्रांसपोर्ट कंपनी के प्रोपराइटर, प्रबंधक, हाइवा मालिक व चालक को नामजद किया गया है. इन लोगों के खिलाफ अवैध कोल कारोबार करने का आरोप लगाया गया है.
बीकेबी ट्रांसपोर्ट कंपनी विश्वकर्मा प्रोजेक्ट से कोयला परिवहन कर कुसुंडा साइडिंग पहुंचाती है. कंपनी की हाइवा कोलियरी से कोयला लेकर कुसुंडा साइडिंग जाने के बजाय जीटी रोड के भट्ठों में जा रही थी. पुलिस ने सरायढेला गोल बिल्डिंग के पास कोयला लदी हाइवा को शुक्रवार की रात पकड़ लिया. पुलिस जांच में पाया गया कि कोलियरी से साइडिंग जाने के बजाय कोयला को अवैध कारोबार के लिए जीटी रोड भेजा जा रहा था. ट्रांसपोर्ट कंपनी की ओर से लगातार मैनेज की कोशिश की जा रही थी.

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