धनबाद : खेल व शिक्षा का उद्देश्य लाभ कमाना नहीं : मोहन भागवत
धनबाद में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत बोले धनबाद : राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने खेल और शिक्षा के क्षेत्र में बढ़ते बाजारवाद पर चिंता जताते हुए कहा कि इसका उद्देश्य लाभ कमाना नहीं, बल्कि देश को परम वैभव पर पहुंचाना होना चाहिए. शनिवार को राजकमल स्कूल के […]
धनबाद में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत बोले
धनबाद : राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने खेल और शिक्षा के क्षेत्र में बढ़ते बाजारवाद पर चिंता जताते हुए कहा कि इसका उद्देश्य लाभ कमाना नहीं, बल्कि देश को परम वैभव पर पहुंचाना होना चाहिए.
शनिवार को राजकमल स्कूल के भवन का लोकार्पण तथा क्रीड़ा भारती के राष्ट्रीय सम्मेलन के चिंतन सत्र में संघ प्रमुख ने कहा कि आज शिक्षा पूरे देश में व्यवसाय का रूप लेता जा रहा है. शिक्षा का बाजार देश में तीन ट्रिलियन डाॅलर का हो गया है. यह उचित नहीं है.
शिक्षा का उपयोग समाज हित में होना चाहिए. देश में साक्षरता दर तो बढ़ रही है, लेकिन नैतिक शिक्षा में कमी आ रही है. रोटी, कपड़ा, मकान और अतिथि सत्कार भारत की संस्कृति रही है. बढ़ते बाजारवाद में आज शिक्षा, स्वास्थ्य का महत्व ज्यादा बढ़ गया है. कला, क्रीड़ा के क्षेत्र में पाठ्यक्रम बदलने से पारंगत नहीं हुआ जा सकता.
मनुष्य खुद को मनुष्य समझे और दूसरे मनुष्य को भी मनुष्य समझे यही सबसे बड़ी शिक्षा है.खेल में जीत ही केवल ध्येय नहीं हो : क्रीड़ा भारती के चिंतन शिविर में कहा कि खेल में जीत तो हर खिलाड़ी का ध्येय होता है. लेकिन जीत के लिए बहुत सारे लोग कई हथकंडे अपनाते हैं. यह सही नहीं है. क्रीड़ा भारती का उद्देश्य देश के हर क्षेत्र से हुनरमंद खिलाड़ियों को आगे लाना है. खेल में भी बढ़ते बाजारवाद को नुकसानदेह बताते हुए खिलाड़ियों को इससे बचने की सलाह दी.
आज सीएम होंगे शामिल : तीन दिवसीय क्रीड़ा भारती के राष्ट्रीय अधिवेशन का समापन रविवार को होगा. नावाडीह स्थित मेगा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में रविवार दोपहर बाद खुला सत्र होगा. मुख्य वक्ता आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत होंगे. विशिष्ट अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री रघुवर दास शामिल होंगे.