गया पुल चौड़ीकरण का खर्च उठायेगा निगम, पीएमसीएच में मिशन पीजी की तैयारी
मोहन गोप, धनबाद : पीएमसीएच में मिशन पीजी की पढ़ाई को लेकर कोशिशें फिर से तेज हो गयी हैं. कॉलेज प्रबंधन ने मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) को 11 विषयों में पीजी की पढ़ाई के लिए आवेदन भेजा है. इसके लिए आवश्यक राशि (फीस) जमा करायी गयी है. अस्पताल प्रबंधन की मानें तो पीजी के […]
मोहन गोप, धनबाद : पीएमसीएच में मिशन पीजी की पढ़ाई को लेकर कोशिशें फिर से तेज हो गयी हैं. कॉलेज प्रबंधन ने मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) को 11 विषयों में पीजी की पढ़ाई के लिए आवेदन भेजा है. इसके लिए आवश्यक राशि (फीस) जमा करायी गयी है. अस्पताल प्रबंधन की मानें तो पीजी के लिए लगभग सभी संसाधन पूरे हो गये हैं. पीजी के लिए भवन भी बनकर तैयार है.
दो बड़ी कमियां ऑक्सीजन पाइप लाइन व ब्लड कंपोडेंट सेवा जल्द शुरू करने की कोशिश है. बता दें कि आठ मार्च 2018 को विभावि की एफिलिएशन कमेटी की टीम ने 11 विषयों की पीजी पढ़ाई के लिए निरीक्षण के बाद हरी झंडी दी थी. अब मान्यता के लिए एमसीआइ को लिखा गया है.
16 विषयों की पढ़ाई के लिए खर्च हुए थे 32 लाख
वर्ष 2014 में पीएमसीएच प्रबंधन ने पीजी के लिए आवेदन किया था. 16 विषयों के लिए आवेदन में एमसीआइ को लगभग 32 लाख रुपये बतौर फीस भी चुकाये थे. निरीक्षण के बाद एमसीआइ ने कुछ न कुछ कमी पायी थी, इस कारण मान्यता नहीं मिला पायी, लेकिन इस बार प्रबंधन सचेत है.
50 करोड़ में बनकर तैयार हुआ है पीजी भवन : पीएमसीएच में लगभग 50 करोड़ रुपये में पीजी भवन बनकर तैयार हो गया है. पुराना जीएनएम स्कूल के पास यह भव्य भवन बनाया गया है. यहां पीजी भवन में लेक्चरर हॉल के साथ डॉक्टरों के लिए क्वार्टर भी बनाये गये हैं.
विभागों के अपग्रेडेशन पर खर्च हुए 30 करोड़
पीएमसीएच में पीजी के तहत विभागों के अपग्रेडेशन के लिए अब तक 30 करोड़ रुपये खर्च किये गये हैं. इसमें मेडिसिन, गायनी, सर्जरी, एनेस्थेसिया, ऑर्थोपेडिक्स आदि विभागों पर यह राशि खर्च किये गये. इसके तहत इन विभागों में अत्याधुनिक मशीनें, उपकरण आदि की क्रय की गयी है. यहां राशि केंद्र सरकार की ओर से पीएमसीएच को उपलब्ध करायी गयी थी. कुछ राशि राज्य की भी थी.
एफिलिएशन कमेटी की सहमति के बाद एमसीआइ को आवेदन भेजा है. मेडिसिन, सर्जरी, गायनी व पैथोलॉजी में संसाधनों के साथ पर्याप्त संख्या में शिक्षक (चिकित्सक) हैं. इस बार पीएमसीएच को पीजी की मान्यता मिलेगी, इसकी पूरी आशा है. कोशिशें जारी हैं.
डॉ शैलेंद्र कुमार, प्राचार्य, पीएमसीएच.
इन विषयों के लिए भेजा गया आवेदन
क्लीनिकल साइड से मेडिसिन, सर्जरी, गायनोकोलॉजी, आॅर्थोपेडिक्स, आइ, इएनटी, एनेस्थेसिया विभाग है. वहीं नन क्लीनिकल में एनाटॉमी, बायोकेमिस्ट्री, पैथोलॉजी व फार्माकोलॉजी शामिल हैं.