धनबाद : 20 माह बाद लौटी धड़कन

धनबाद : 15 जून, 2017 की तारीख धनबाद के इतिहास में काले पन्ने पर हमेशा के लिए दर्ज हो गयी थी. इसी दिन पीएमओ की दखल के बाद जिले के सबसे पुराने रेल रूट (धनबाद-चंद्रपुरा) पर परिचालन बंद कर दिया गया था. डीजीएमएस की रिपोर्ट पर इस रूट को बंद किया गया था. डीजीएमएस ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 6, 2019 7:22 AM

धनबाद : 15 जून, 2017 की तारीख धनबाद के इतिहास में काले पन्ने पर हमेशा के लिए दर्ज हो गयी थी. इसी दिन पीएमओ की दखल के बाद जिले के सबसे पुराने रेल रूट (धनबाद-चंद्रपुरा) पर परिचालन बंद कर दिया गया था. डीजीएमएस की रिपोर्ट पर इस रूट को बंद किया गया था. डीजीएमएस ने पहली बार वर्ष 2002 में भूमिगत आग को इस रेल रूट के लिए खतरा बताया था.

इसके बाद झरिया पुनर्वास योजना के मास्टर प्लान में यह लाइन शिफ्ट करने का प्रस्ताव दिया गया.जनवरी, 2014 में यूपीए की सरकार में रेलवे बोर्ड पर बनी इंटर मिनिस्टीरियल कमेटी (आइएमसी) ने पहली बार इस रेलखंड पर परिचालन बंद करने का निर्णय लिया था.

इसके लिए वर्ष 2018 की समय सीमा तय की गयी थी. लेकिन उससे पहले वैकल्पिक रूट तैयार करने की जिम्मेवारी राइट्स को सौंपी गयी थी. राइट्स की टीम ने मई, 2015 में इस पर काम शुरू कर दिया था. इस बीच रेल खंड को बंद कर दिया गया.

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