नीरज सिंह हत्याकांड में संजीव सिंह को राहत नहीं
हाइकोर्ट ने जमानत याचिका खारिज की कहा प्रथम दृष्टया संलिप्तता प्रतीत होती है रांची : धनबाद के पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह हत्याकांड मामले के आरोपी विधायक संजीव सिंह को राहत नहीं मिली. हाइकोर्ट के जस्टिस अनंत बिजय सिंह की अदालत ने गुरुवार को जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद याचिका खारिज कर दी. अदालत […]
हाइकोर्ट ने जमानत याचिका खारिज की
कहा प्रथम दृष्टया संलिप्तता प्रतीत होती है
रांची : धनबाद के पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह हत्याकांड मामले के आरोपी विधायक संजीव सिंह को राहत नहीं मिली. हाइकोर्ट के जस्टिस अनंत बिजय सिंह की अदालत ने गुरुवार को जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद याचिका खारिज कर दी. अदालत ने संबंधित सभी पक्षों को सुनने के बाद कहा कि प्रथम दृष्टया आरोपी की संलिप्तता प्रतीत होती है. इससे पूर्व प्रार्थी की अोर से अदालत को बताया गया कि घटना 21 मार्च 2017 की है, जबकि प्राथमिकी 23 मार्च 2017 को दर्ज की गयी है.
इतना विलंब से प्राथमिकी दर्ज करने का कोई आैचित्य नहीं था. घटना स्थल पर गाड़ी में नीरज सिंह के साथ जो घायल आदित्य राज था, उसका मोबाइल का टॉवर लोकेशन डिफरेंट था. अंधाधुंध गोलीबारी में आदित्य राज को सिर्फ बांह में गोली लगी थी, जिससे वह घायल हो गया था. अत्यधिक गोलीबारी में आदित्य राज का बच जाना असंभव है. जबकि प्राथमिकी नीरज सिंह के छोटे भाई अभिषेक सिंह के बयान पर आधारित है, जो घटना स्थल पर नहीं थे.
सूचक की अोर से वरीय अधिवक्ता आरएस मजूमदार ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि चश्मदीद गवाह अनिल सिंह, निखिलेश सिंह व राकेश कुमार घटनास्थल पर माैजूद थे. इतना ही नहीं विधायक संजीव सिंह, जैनेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सिंह की मोटरसाइकिल पर बैठ कर घटना स्थल पर गये थे. जैनेंद्र सिंह की जमानत याचिका सुप्रीम कोर्ट से भी खारिज हो चुकी है. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी विधायक संजीव सिंह ने जमानत याचिका दायर की थी. वे 11 अप्रैल 2017 से न्यायिक हिरासत में जेल में बंद हैं.