बोकारो कांग्रेस जिलाध्यक्ष थे सांसद रवींद्र, अचानक भाजपा का ले लिया था टिकट

धनबाद : वर्ष 1989 में गिरिडीह सीट से भाजपा प्रत्याशी व बेरमो के दिग्गज मजदूर नेता स्व रामदास सिंह ने झारखंड केसरी बिनोद बिहारी महतो को हराकर भाजपा को पहली बार जीत दिलायी थी. इसके बाद 1996 में पहली बार अचानक इस सीट से रवींद्र कुमार पांडेय को भाजपा ने अपना प्रत्याशी बनाया. मालूम हो […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 10, 2019 10:28 AM

धनबाद : वर्ष 1989 में गिरिडीह सीट से भाजपा प्रत्याशी व बेरमो के दिग्गज मजदूर नेता स्व रामदास सिंह ने झारखंड केसरी बिनोद बिहारी महतो को हराकर भाजपा को पहली बार जीत दिलायी थी. इसके बाद 1996 में पहली बार अचानक इस सीट से रवींद्र कुमार पांडेय को भाजपा ने अपना प्रत्याशी बनाया.

मालूम हो कि सांसद श्री पांडेय के पिता स्व कृष्ण मुरारी पांडेय इस क्षेत्र के दिग्गज कांग्रेसी व इंटक नेता के रूप में जाने जाते थे. कांग्रेस में रहते हुए भी भाजपा व आरएसएस के बडे नेताओं से स्व कृष्ण मुरारी पांडेय के काफी करीबी संबंध रहे. वर्ष 1995 में अचानक एक सड़क दुर्घटना में केएम पांडेय की मौत के बाद उनके बडे पुत्र रवींद्र कुमार पांडेय को बोकारो जिला कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया था. लेकिन 1996 के चुनाव में रवींद्र पांडेय ने दिल्ली के भाजपा व आरएसएस लॉबी में ऐसा घुसपैठ किया कि भाजपा ने उन्हें अपना प्रत्याशी बना दिया.

1996 के लोस चुनाव में श्री पांडेय के समर्थन में गिरिडीह में अटल बिहारी बाजपेयी ने चुनावी सभा को संबोधित किया था. 1996 में जीत दर्ज कर रवींद्र पांडेय पहली बार गिरिडीह के युवा सांसद बने. इसके बाद फिर 1998 एवं 1999 में हुए मध्यावधि चुनाव में श्री पांडेय ने लगातार जीत दर्ज की. 2004 का चुनाव श्री पांडेय झामुमो व कांग्रेस के संयुक्त प्रत्याशी स्व टेकलाल महतो से हार गये. लेकिन 2009 के लोस चुनाव में श्री पांडेय ने टेकलाल महतो को हराकर चौथी दफा जीत दर्ज की. इसके बाद 2014 के लोस चुनाव में झामुमो व कांग्रेस के संयुक्त प्रत्याशी जगरनाथ महतो को पराजित कर उन्होंने पांच बार गिरिडीह से सांसद बनने का इतिहास रच डाला.

Next Article

Exit mobile version