मतदान केंद्रों के बाहर नहीं दिखी राजनीतिक दलों की गोलबंदी
धनबाद : भीषण गर्मी में मतदाताओं ने खामोशी से वोट डाला. अधिकतर मतदान केंद्र के पास शांति का माहौल था. राजनीतिक गोलबंदी जैसी कोई गतिविधि नहीं थी. किसी भी मतदान केंद्र में बहुत लंबी कतार नहीं दिखी. न ही बूथों पर राजनीतिक वैमनस्यता नजर आयी. अलबत्ता मतदाताओं की खामोशी ने प्रत्याशियों की बैचेनी बढ़ा दी […]
धनबाद : भीषण गर्मी में मतदाताओं ने खामोशी से वोट डाला. अधिकतर मतदान केंद्र के पास शांति का माहौल था. राजनीतिक गोलबंदी जैसी कोई गतिविधि नहीं थी. किसी भी मतदान केंद्र में बहुत लंबी कतार नहीं दिखी. न ही बूथों पर राजनीतिक वैमनस्यता नजर आयी. अलबत्ता मतदाताओं की खामोशी ने प्रत्याशियों की बैचेनी बढ़ा दी है. फैसला किसके पक्ष में जायेगा, इसे लेकर अटकलें जारी हैं जो मतगणना (23 मई) के बाद ही समाप्त होगा.
रविवार को सुबह सात बजे से धनबाद जिला में धनबाद एवं गिरिडीह लोकसभा सीट के लिए मतदान शुरू हुआ. कहीं-कहीं इवीएम की गड़बड़ी के कारण मतदान शुरू होने में थोड़ा विलंब हुआ. बूथों के बाहर लगने वाला मजमा भी इस बार अधिकांश मतदान केंद्रों पर नजर नहीं आ रहा था. भाजपा या कांग्रेस के हार्ड कोर समर्थक ही बूथों के आस-पास राजनीतिक चर्चा में मशगूल दिख रहे थे.
मतदाताओं का मिजाज पढ़ने में हुई परेशानी
वोटरों की खामोशी ने प्रत्याशियों की बैचेनी बढ़ा दी है. राजनीतिक दल के कार्यकर्ता उनकी मन:स्थिति को पढ़ने में लगे थे. युवा वोटर्स का रूख तो साफ दिख रहा था. लेकिन पुराने वोटर्स साइलेंट थे. महिलाएं भी खामोशी से मतदान कर रही थी. इसके कारण चुनाव परिणाम को लेकर जोड़-घटाव में परेशानी हो रही थी.