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निगम के विधि पदाधिकारी की नियुक्ति मामले की जांच करने पहुंची रांची की टीम

भवन शाखा, विधि शाखा व शिकायतकर्ता विनोद मल्लिक से लिया बयान विधि पदाधिकारी से घंटों की गयी पूछताछ धनबाद : नगर निगम के विधि पदाधिकारी मनीष कुमार के खिलाफ रांची की टीम शुक्रवार को जांच करने निगम पहुंची. शिकायतकर्ता विनोद मल्लिक के अलावा विधि शाखा, भवन शाखा में कार्यरत कर्मचारियों से भी पूछताछ की. आरोपित […]

भवन शाखा, विधि शाखा व शिकायतकर्ता विनोद मल्लिक से लिया बयान

विधि पदाधिकारी से घंटों की गयी पूछताछ
धनबाद : नगर निगम के विधि पदाधिकारी मनीष कुमार के खिलाफ रांची की टीम शुक्रवार को जांच करने निगम पहुंची. शिकायतकर्ता विनोद मल्लिक के अलावा विधि शाखा, भवन शाखा में कार्यरत कर्मचारियों से भी पूछताछ की. आरोपित विधि पदाधिकारी मनीष कुमार से भी घंटों पूछताछ की गयी. विधि पदाधिकारी की पुन: नियुक्ति व अनैतिक आचरण आदि कई मामले की जांच की गयी.
विधि पदाधिकारी के खिलाफ साक्ष्य एकत्रित कर रांची की टीम लौट गयी. नगर विकास सचिव को जांच रिपोर्ट सौंपेंगी. जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे विधि पदाधिकारी के खिलाफ कार्रवाई होगी. नगर विकास विभाग से आयी जांच टीम में संयुक्त सचिव संजय विहारी अंबष्ठ, अवर सचिव चंदन कुमार, सहायक अभियंता नीरज श्रीवास्तव शामिल थे.
क्या है मामला : विकास नगर मटकुरिया निवासी विनोद कुमार मल्लिक ने विधि पदाधिकारी मनीष कुमार के खिलाफ नगर विकास विभाग में शिकायत की थी. दैनिक वेतनभोगी विधि पदाधिकारी मनीष अग्रवाल की नियुक्ति सहित कई मामले के खिलाफ सवाल उठाया था. मसलन विधि पदाधिकारी की नियुक्ति छह माह के लिए की गयी है. अब तक उनकी सेवा विस्तार कितनी बार की गयी है. तत्कालीन नगर आयुक्त राजीव रंजन ने 27.8.18 को मनीष अग्रवाल की सेवा समाप्त कर दी थी. विश्वानंद दुबे को विधि पदाधिकारी के रूप में चयन किया गया था. विधि पदाधिकारी की नियुक्ति की सेवा शर्त के अनुरूप की गयी.
बिना स्थायी समिति एवं नगर निगम बोर्ड द्वारा उनकी पुन: नियुक्ति के लिए बिना प्रस्ताव पास किये किस नियम एवं प्रावधान के आधार पर की गयी. विधि पदाधिकारी मनीष कुमार का कार्यकाल अवधि सुबह दस बजे से शाम पांच बजे तक है. परंतु ये कार्यालय में अपराह्न तीन बजे आते हैं तथा पांच बजे चले जाते हैं. किस प्रावधान के तहत निजी प्रैक्टिस करने की छूट दी गयी है.
निगम में बीपी केस चलाने, सुनवाई करने संबंधी सरकारी आदेश किस नियम-प्रावधान के तहत दिया गया है. सेवानिवृत्त कर्मियों को भय दिखाकर आर्थिक दोहन किया जाता है, जिससे मिली नाजायज राशि की बंदरबांट ऊपर के अधिकारियों के बीच की जाती है अादि समेत कई मामले में शिकायत की गयी थी. शिकायत पर शुक्रवार को नगर विकास विभाग की तीन सदस्यीय टीम पहुंची थी.

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