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बिहार के नियम-कानून अपनाने का फूलचंद ने किया कड़ा विरोध

धनबाद: बिहार में मार के भगाया जा रहा है और झारखंड में बिहार के सारे नियम-कानून एडॉप्ट कर लिये गये हैं. शिक्षक नियुक्ति नियमावली में जब तक संशोधन नहीं हो जाता, तब तक नियुक्ति प्रक्रिया को रोक दें. किसी की शिक्षक पद पर नियुक्त नहीं करें. उक्त बातें सिंदरी विधायक फूलचंद मंडल ने डीएसइ से […]

धनबाद: बिहार में मार के भगाया जा रहा है और झारखंड में बिहार के सारे नियम-कानून एडॉप्ट कर लिये गये हैं. शिक्षक नियुक्ति नियमावली में जब तक संशोधन नहीं हो जाता, तब तक नियुक्ति प्रक्रिया को रोक दें. किसी की शिक्षक पद पर नियुक्त नहीं करें. उक्त बातें सिंदरी विधायक फूलचंद मंडल ने डीएसइ से कही.

वे पारा शिक्षकों के साथ सोमवार को डीएसइ बांके बिहारी सिंह से मिले. उन्होंने कहा कि नियुक्ति में स्थानीयता को प्राथमिकता मिले. विधायक ने दावा किया कि 1932 या समकक्ष खतियान ही स्थानीय है. नियुक्ति में प्रतीक्षा सूची भी जारी नहीं होनी है. ऐसे में जो मेधावी होगा, 13 जिलों में चयनित हो जायेगा. पर योगदान किसी एक जिले में ही देगा. इस तरह आधे से अधिक पद रिक्त रह जायेंगे. इस पर डीएसइ ने कहा कि कुल 1217 पद रिक्त हैं. इसमें 50 प्रतिशत अनारक्षित है, जिस पर भारत का कोई भी नागरिक आवेदक कर सकता है. नियमावली के अनुसार नियुक्ति प्रक्रिया हो रही है, जिसमें पूरी पारदर्शिता अपनायी जा रही है. डीएसइ ने कहा कि वह सरकार के मुलाजिम हैं और अपना काम कर रहे हैं. मौके पर झारखंड प्रदेश शिक्षा मित्र/पारा शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष अश्विनी कुमार सिंह, सचिव शेख सिद्दीकी, प्रसन्न कुमार सिंह, नीरज कुमार सिंह, उत्पल चौबे आदि मौजूद थे.

भड़के शिक्षक : वार्ता के दौरान कुछ पारा शिक्षकों के सवाल पर डीएसइ ने नियमों का हवाला दिया. कहा कि पारा शिक्षकों के रिजर्व कोटे में गैर पारा शिक्षक आवेदन आ भी सकते हैं, लेकिन गैर पारा के कोटे में पारा शिक्षक आवेदन नहीं कर सकते. इस पर कुछ पारा शिक्षक भी भड़क गये और विधायक फूलचंद मंडल से नियमावली में संशोधन कराने की मांग की. विधायक ने कहा कि इस गंभीर मामले को वह सरकार के समक्ष उठायेंगे. नियमावली में संशोधन जरूरी है

सूची में आवासीय प्रमाण पत्र का जिक्र नहीं : पारा शिक्षकों ने कहा कि विभाग द्वारा जारी सूची में नियोजन हेतु आवासीय प्रमाण पत्र का जिक्र नहीं है, जबकि बोकारो जिले में हो रही नियुक्ति प्रक्रिया की मेधा सूची के रिमार्क कॉलम में नियोजन हेतु या शिक्षा हेतु आवासीय प्रमाण पत्र उल्लिखित है. इस पर डीएसइ ने कहा कि इससे नियुक्ति प्रक्रिया पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. आवेदक का पूरा बायोडाटा वेबसाइट पर जारी करना संभव नहीं है.

त्योहार है, अब तक मानदेय नहीं मिला : पारा शिक्षकों ने यह भी कहा कि ईद आने में कुछ ही दिन रह गये हैं. पांच महीनों से मानदेय नहीं मिला है. पारा शिक्षकों ने भड़कते हुए कहा कि स्कूल से हमें 12 बजे तक छुट्टी दे दें, ताकि कुछ और काम कर हम अपना घर चला सकें. इस पर डीएसइ ने कहा कि हम पर गुस्सा क्यों हो रहे हैं. आपका मानदेय आज आयेगा तो आज रात तक मिल जायेगा. नहीं आयेगा तो नहीं मिलेगा. यहां से किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं है.

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