मनोहर कुमार
धनबाद : 9.59 अरब रुपये की लागत से विभिन्न इलाकों में तैयार बीसीसीएल की कॉलोनियां बेकार पड़ी हैं. कोलकर्मी इन कॉलोनियों में बसना नहीं चाहते. झरिया मास्टर प्लान के तहत कोयला उत्पादन क्षेत्र, भू-धंसान और अग्नि प्रभावित क्षेत्रों में रह रहे कोलकर्मियों को सुरक्षित स्थान पर बसाने के लिए ये कॉलोनी बनायी गयी हैं. बीसीसीएल को मास्टर प्लान के तहत प्रभावित क्षेत्रों में रह रहे कर्मियों को पुनर्वासित करने के लिए 15852 नये आवास बनाने हैं.
7639 आवास बन कर तैयार हैं, जबकि 8213 आवास का निर्माण कार्य अगस्त 2019 तक हाे जाने की उम्मीद है. विभिन्न स्थानों पर बन कर तैयार नये आवासों में अब तक करीब 3917 कर्मियों की ही शिफ्टिंग हो सकी है. 11,952 कर्मियों की शिफ्टिंग नहीं हाे पायी है.
कुछ इलाकों में शिफ्टिंग की स्थिति
क्षेत्र आवास शिफ्टिंग
कुसुम विहार 1250 72
कोयला नगर 1116 00
करमाटांड़ 4008 00
कार्मिक नगर 1268 454
सिदुआटांड़ 1212 00
इसलिए नहीं हो रहे शिफ्ट
नये आवासीय परिसर व आवासों में बुनियादी सुविधाओं का अभाव
बच्चों के री-एडमिशन में परेशानी
आवासीय परिसर से आवागमन का साधन नहीं, पानी-बिजली की समुचित व्यवस्था नहीं
इंफ्रास्ट्रक्टर की कमी व नये आवास स्पेसियस नहीं
आवासीय परिसर में मैदान व चिकित्सीय व्यवस्था नहीं