चतुर्भुज सिंह और ज्योति पहुंचे बीटेक में नया इतिहास लिखने

आइआइटी आइएसएम : दाखिला लेने की उम्र में ये बन जायेंगे इंजीनियर धनबाद : आम तौर पर जिस उम्र में छात्र आइआइटी आइएसएम में दाखिला लेते हैं, उस उम्र में पहुंचते-पहुंचते चतुर्भुज सिंह और ज्योति प्रियदर्शी जैसे छात्र-छात्राएं संस्थान से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल कर लेंगे. सफलता की यह गाथा आइआइटी आइएसएम में सत्र 2019-20 […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 25, 2019 3:48 AM

आइआइटी आइएसएम : दाखिला लेने की उम्र में ये बन जायेंगे इंजीनियर

धनबाद : आम तौर पर जिस उम्र में छात्र आइआइटी आइएसएम में दाखिला लेते हैं, उस उम्र में पहुंचते-पहुंचते चतुर्भुज सिंह और ज्योति प्रियदर्शी जैसे छात्र-छात्राएं संस्थान से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल कर लेंगे. सफलता की यह गाथा आइआइटी आइएसएम में सत्र 2019-20 में बीटेक कोर्स में दाखिला लेने वाले 14 से 15 वर्ष के उन छात्र-छात्राओं की है, जिन्होंने बड़े-बड़े विशेषज्ञों को अचरज में डाल रखा है.
बुधवार को ये छात्र-छात्राएं दाखिला के लिए आइआइटी आइएसएम पहुंचे थे. इन बच्चों को संस्थान में देख कर हर कोई आश्चर्यचकित था.
आइआइटी आइएसएम : दाखिला लेने की उम्र में ये बन जायेंगे इंजीनियर
धनबाद : आम तौर पर जिस उम्र में छात्र आइआइटी आइएसएम में दाखिला लेते हैं, उस उम्र में पहुंचते-पहुंचते चतुर्भुज सिंह और ज्योति प्रियदर्शी जैसे छात्र-छात्राएं संस्थान से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल कर लेंगे. सफलता की यह गाथा आइआइटी आइएसएम में सत्र 2019-20 में बीटेक कोर्स में दाखिला लेने वाले 14 से 15 वर्ष के उन छात्र-छात्राओं की है, जिन्होंने बड़े-बड़े विशेषज्ञों को अचरज में डाल रखा है.
बुधवार को ये छात्र-छात्राएं दाखिला के लिए आइआइटी आइएसएम पहुंचे थे. इन बच्चों को संस्थान में देख कर हर कोई आश्चर्यचकित था.
चतुर्भुज सिंह : उम्र 14 वर्ष 11 महीना
राजस्थान के अलवर का रहने वाला चतुर्भुज सिंह इस वर्ष आइआइटी आइएसएम में दाखिला लेने वाला सबसे कम उम्र का छात्र है. उसने संस्थान के कोर ब्रांच पेट्रोलियम इंजीनियरिंग में दाखिला लिया है. चतुर्भुज के पिता दालचंद किराल अलवर में कबाड़ी का कारोबार करते हैं. ‌चतुर्भुज को 2017 में सीबीएसइ 10वीं बोर्ड में आठ सीजीपीए अंक आये थे. इसी वर्ष 12वीं में उसे 79.6 प्रतिशत अंक मिले थे.
ज्योति प्रियदर्शी : उम्र 15 वर्ष तीन माह
ज्योति प्रियदर्शी मूलत: लखनऊ की रहने वाली है. पिता सुरेश कुमार के रायबरेली में प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक और मां मंजू चौधरी गृहिणी हैं. ज्योति ने पहले प्रयास में ही आइआइटी क्वालिफाइ कर लिया. उसे आइआइटी आइएसएम में माइनिंग एंड मशीनरी इंजीनियरिंग विभाग में दाखिला मिला है. इसी वर्ष ज्योति ने 12वीं की परीक्षा 84.4 प्रतिशत अंक के साथ उत्तीर्ण की है.
वहीं 2017 में 13 वर्ष की उम्र में 10वीं बोर्ड की परीक्षा 89.5 प्रतिशत अंक के साथ उत्तीर्ण की थी.

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