बच्चा चोरी कर किडनी बेचने वाले गिरोह का खुलासा, चार गिरफ्तार

अजमेर-हावड़ा एक्सप्रेस से एक और जम्मूतवी एक्सप्रेस से तीन पकड़े गये पुलिस के समक्ष जुर्म कबूला धनबाद : जीआरपी और आरपीएफ ने ट्रेनों से बच्चा चोरी कर उनकी किडनी बेचने वाले गिरोह का खुलासा करने का दावा सोमवार को किया है. धनबाद स्टेशन में दो ट्रेनों से चार लोग गिरफ्तार किये गये हैं. अजमेर-हावड़ा एक्सप्रेस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 3, 2019 1:10 AM

अजमेर-हावड़ा एक्सप्रेस से एक और जम्मूतवी एक्सप्रेस से तीन पकड़े गये

पुलिस के समक्ष जुर्म कबूला

धनबाद : जीआरपी और आरपीएफ ने ट्रेनों से बच्चा चोरी कर उनकी किडनी बेचने वाले गिरोह का खुलासा करने का दावा सोमवार को किया है. धनबाद स्टेशन में दो ट्रेनों से चार लोग गिरफ्तार किये गये हैं. अजमेर-हावड़ा एक्सप्रेस से एक और जम्मूतवी एक्सप्रेस से तीन. पुलिस को उनके पास से नशीले पदार्थ और कुछ अन्य सामान मिले हैं. चारों ने पुलिस के समक्ष स्वीकार किया है कि वे बच्चा चोरी कर उनकी किडनी बेचते हैं. धनबाद रेल थाना में चारों के खिलाफ बच्चा चोरी का केस दर्ज किया गया है.

यह जानकारी सोमवार को आरपीएफ पोस्ट में आरपीएफ के असिस्टेंट कमांडेंट बीपी सिंह, इंस्पेक्टर अविनाश करोसिया, एसआइ राजेश कुमार तथा जीआरपी के एसआइ बबन सिंह ने दी.

ट्रेन में यात्रियों ने एक को दबोचा : आरपीएफ के असिस्टेंट कमांडेंट बीपी सिंह ने बताया कि सूचना मिली कि अजमेर हावड़ा-एक्सप्रेस (12988) में पारसनाथ के पास कोई कुछ सामान चुरा कर भाग रहा है. इस सूचना के बाद धनबाद आरपीएफ पोस्ट प्रभारी अविनाश करोसिया और जीआरपी एसआइ बबन सिंह दल बल के साथ प्लेटफॉर्म नंबर एक पर ट्रेन का इंतजार करने लगे.

13:06 बजे ट्रेन जैसे ही प्लेटफॉर्म संख्या एक पर पहुंची तो साधारण बोगी में दर्जनों यात्री एक युवक को पकड़े हुए मिले. यात्रियों ने बताया कि ट्रेन में यह व्यक्ति एक महिला का बच्चा चोरी कर रहा था. यात्रियों ने उसकी पिटाई भी की थी. पूछताछ करने पर उसने अपना नाम अंजू गिरि बताया. उसने बताया कि मेरे अन्य साथी पीछे आ रही जम्मूतवी एक्सप्रेस (13152) में हैं. 13:46 बजे जब जम्मू तवी एक्सप्रेस प्लेटफॉर्म नंबर एक पर आयी तो अंजू की शिनाख्त पर साधारण बोगी से तीनों को पकड़ लिया गया.

बच्चा चोर गिरोह में 18 लोग

गिरफ्तार चारों लोगों ने आरपीएफ को बताया कि उनके गिरोह में कुल 18 सदस्य हैं. अधिकतर कोडरमा, तिलैया व गया के रहने वाले हैं. अनिल, हनिफ व बहरा गली-मुहल्ले में साधु बनकर तो कभी जड़ी-बूटी बेचने का काम करता है. खास कर झोपड़पट्टी व गली-कूची में घूम-घूम कर बच्चों की जानकारी लेता है. उसके बाद तीनों इसकी जानकारी अंजू गिरी को देते हैं. मौका पाकर चारों बच्चा चोरी कर लेते हैं. अंजू एक बच्चे को 20 हजार रुपये में तिलैया के रहने वाले रमेश गिरी को दे देता है. रमेश गिरी बच्चे को गया व पटना ले जाता है और वहां बच्चों का अंग निकाल कर बेचता है.

तिलैया से की थी तीन बच्चों की चोरी

अंजू गिरि ने बताया कि वह अपने परिवार के साथ तिलैया में रहता है. आठ दिन पहले तिलैया से तीन बच्चों को चोरी कर उसने रमेश को दिया था. गैंग के लोग झारखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में सक्रिय हैं. गिरोह के कई सदस्य ऐसे हैं जो बच्चे को तुरंत उठाने के बाद उसे बैग में बेहोश कर डाल देते हैं तथा ज्यादा हल्ला होने पर उसकी वहीं पर हत्या कर देते हैं. इसी तरह का एक फोटो आरपीएफ के दिखाने पर आरोपितों ने अपनी संलिप्तता स्वीकर की.

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