धनबाद का एक भी गांव खुले शौच से मुक्त नहीं

धनबाद: 10 करोड़ रुपये खर्च करने के बावजूद धनबाद जिले का एक भी गांव ऐसा नहीं है जो ओपेन डेफिकेशन फ्री (ओडीएफ) यानी खुले शौच से मुक्त हो. प्रचार-प्रसार, ट्रेनिंग पर पानी की तरह पैसे खर्च किये जाने के बावजूद यह योजना सरजमीन पर नहीं उतर पायी. अब सहिया पर दारोमदार : पेयजल एवं स्वच्छता […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 30, 2014 9:40 AM

धनबाद: 10 करोड़ रुपये खर्च करने के बावजूद धनबाद जिले का एक भी गांव ऐसा नहीं है जो ओपेन डेफिकेशन फ्री (ओडीएफ) यानी खुले शौच से मुक्त हो. प्रचार-प्रसार, ट्रेनिंग पर पानी की तरह पैसे खर्च किये जाने के बावजूद यह योजना सरजमीन पर नहीं उतर पायी.

अब सहिया पर दारोमदार : पेयजल एवं स्वच्छता विभाग को खुले में शौच मुक्त गांव की जिम्मेवारी दी गयी थी, पर निर्मल भारत अभियान योजना की यहां हवा निकल गयी. जिनके घरों में शौचालय बन गये हैं, आज भी वे खुले में ही शौच को जाते हैं. अब सहिया इसके खिलाफ लोगों को जागरूक करेगी.

कागज पर कामयाबी की रेखा : कागज पर जिला के 234 गांवों को विभाग ने ओडीएफ माना है. लेकिन इन गांवों में शौचालय बनने के बावजूद लोग आज भी खुले में शौच को जाते हैं. विभागीय सूत्रों के मुताबिक पूर्वी टुंडी प्रखंड की लटानी पंचायत के बरवाटांड़ में 34 गांव, इसी पंचायत के किशुनडीह में 28, बाघमारा प्रखंड की हरिणा पंचायत नावाडीह के 54 गांव, इसी प्रखंड के निचितपुर में 2, छोटा मझलाडीह में 7, टुंडी प्रखंड की लुकैया पंचायत के बरवाटांड़ गांव के 10 इसी प्रखंड की कोल्हर पंचायत के बड़ा नागपुर के 47 गांव एवं बलियापुर के पलानी गांव की सवाइगढ़ पंचायत के 29 गांव को ओएफडी माना है.

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