झामुमो के संस्थापक सदस्य ने फांसी लगा कर दे दी जान

धनबाद : झामुमो के संस्थापक सदस्य ज्ञान मुखर्जी रोड निवासी अजीत सेनगुप्ता (67) ने फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली. रविवार को उसका शव पुलिस ने जब्त कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा. सुसाइड नोट और दीवार पर उसने लिखा है कि इसके लिए उसका छोटा भाई गौतम सेनगुप्ता जिम्मेदार है. वह संपत्ति को लेकर लगातार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 16, 2019 8:26 AM

धनबाद : झामुमो के संस्थापक सदस्य ज्ञान मुखर्जी रोड निवासी अजीत सेनगुप्ता (67) ने फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली. रविवार को उसका शव पुलिस ने जब्त कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा. सुसाइड नोट और दीवार पर उसने लिखा है कि इसके लिए उसका छोटा भाई गौतम सेनगुप्ता जिम्मेदार है.

वह संपत्ति को लेकर लगातार उसे प्रताड़ित कर रहा था. हालांकि दोनों भाइयों में किसी ने शादी नहीं की है. उनका बड़ा भाई अमित सेनगुप्ता कुल्टी में रहता है. उनके पिता शक्ति पदो गुप्ता आयुर्वेद के चिकित्सक थे.
दीवार पर लिखी प्रताड़ना की कहानी : मृतक ने अपने कमरे की दीवार पर लिखा है कि एक माह पूर्व उसे ब्रेन हेमरेज हुआ था. उसके शरीर के बांये हिस्से को लकवा मार दिया था. छोटा भाई उसकी देख-रेख नहीं कर रहा था. ऊपर से रात में उसकी पिटाई भी की जाती थी. वह अपने दोस्तों की मदद से जिंदा रहा. उसके इस कदम के लिए उसका छोटा भाई और घर का नौकर जिम्मेदार है.
पुलिस को वहां से एक सुसाइड नोट भी मिला है. उसमें लिखा है कि वह अपने भाई की प्रताड़ना से तंग आकर अपनी जान दे रहा है. सुसाइड नोट में एक दर्जन से अधिक मोबाइल नंबर हैं. उन नंबरों के साथ लिखा हुआ है कि ये लोग मेरे अजीज दोस्त हैं. इनको में हमेशा याद करूंगा.
पहले से चलता आ रहा है विवाद : दोनों भाई में विवाद पहले से चलते आ रहा है. इसकी शिकायत अजीत सेनगुप्ता ने एसएसपी से की थी.
एसएसपी के निर्देश पर धनबाद थाना की पुलिस इस मामले की निगरानी रख रही थी. शनिवार को धनबाद थाना की पुलिस उनके घर गयी थी. अजीत के कमरे में भी पुलिस गयी थी. दीवार पर सारा कुछ लिखा देखा था. पूछने पर अजीत ने बताया कि वह ऐसे ही लिखता है. पुलिस ने भी उस मामले में कोई तत्परता नहीं दिखायी.
झामुमो को दी अपनी संपत्ति
अजीत सेनगुप्ता ने दीवार पर अपनी मौत के बाद सारी संपत्ति झामुमो को देने की बात कही है. लिखा है कि उसने जिंदगी भर पार्टी की सेवा की है. झामुमो का अपना निजी कार्यालय नहीं होने के कारण वह अपनी प्रोपर्टी पार्टी को देते है.

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