बरवाअड्डा में पकड़ायी शराब की मिनी फैक्टरी
बरवाअड्डा : बरवाअड्डा थानांतर्गत उग्रवाद प्रभावित तिलैया पंचायत के पारघो गांव में शनिवार की देर रात बरवाअड्डा पुलिस ने अवैध नकली शराब बनानेवाली मिनी फैक्टरी का भंडाफोड़ किया. मौके से पुलिस ने भारी मात्रा में शराब बरामद की है. बाजार में इसकी कीमत सात लाख रुपये होगी. इस संबंध में पुलिस ने शिवजी यादव, दीपक […]
बरवाअड्डा : बरवाअड्डा थानांतर्गत उग्रवाद प्रभावित तिलैया पंचायत के पारघो गांव में शनिवार की देर रात बरवाअड्डा पुलिस ने अवैध नकली शराब बनानेवाली मिनी फैक्टरी का भंडाफोड़ किया. मौके से पुलिस ने भारी मात्रा में शराब बरामद की है. बाजार में इसकी कीमत सात लाख रुपये होगी. इस संबंध में पुलिस ने शिवजी यादव, दीपक यादव एवं वासु सोरेन के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
जिस घर में शराब बनायी जा रही थी, उसके मालिक वासु सोरेन को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. छापामारी का नेतृत्व थानेदार ज्योतिष जायसवाल कर रहे थे. यहां निर्मित नकली शराब को जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ गिरिडीह-नवादा एवं जीटी रोड के रास्ते बिहार भी भेजा जाता है.
झरिया के शिवजी यादव व दीपक यादव के खिलाफ मामला दर्ज : रविवार को बरवाअड्डा थाना में प्रेसवार्ता कर डीएसपी सरिता मुर्मू ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि झरिया के रहनेवाले अवैध शराब कारोबारी शिवजी यादव, अपने पुत्र दीपक यादव के साथ मिल कर नकली शराब की फैक्टरी चला रहे हैं.
वासु सोरेन को मकान भाड़ा के रूप में छह हजार रुपये मिलते थे. इसके पूर्व भी पारघो में ही अवैध नकली शराब फैक्टरी पकड़ायी थी. उसे भी शिवजी यादव ही चला रहा था. मौके पर सअनि त्रिलोकी नाथ सिंह, सतीश कुमार सिंह आदि मौजूद थे.
चार हजार 40 बोतल नकली शराब बरामद
रॉयल स्टैग 775 एमएल की 2 पेटी (प्रति पेटी 12 पीस), रॉयल स्टैग 375 एमएल की 13 पेटी (प्रति पेटी 24 पीस), रॉयल स्टैग 180 एमएल की 42 पेटी (प्रति पेटी 48 पीस), ऑफिसर च्वाइस ब्ल्यू 180 एमएल की 19 पेटी (प्रति पेटी 48 पीस), ऑफिसर च्वाइस ब्ल्यू 375 एमएल की 14 पेटी (प्रति पेटी 24 पीस), इंपेरियल ब्ल्यू 180 एमएल की 5 पेटी (प्रति पेटी 48 पीस), 50 पीस इंपेरियल ब्ल्यू का रैपर, 50 पीस रॉयल स्टैग का रैपर, दो बोरा रॉयल स्टैग एवं अन्य शराब का ढक्कन, खाली शराब की बोतल एक कार्टून, 20 लीटर स्प्रीट. कुल 95 पेटी में 4 हजार 40 बोतल.
बाबू एक बार माफ करि दे…
प्रेसवार्ता के दौरान वासु सोरेन फूट-फूट कर रोने लगा और हाथ जोड़ कर कहने लगा कि ‘बाबू एक बार माफ करि दे. हमर छोटो, छोटो गिदर-बुतरू हो. हम गरीब लागियो. गिदर-बुतुरू पोसे खातिर घर टा भाड़ा में दे देल हियो. असली, नकली शराब हम नाय बुझे पारेलियो. बोड़ो, बोड़ो गाड़ी में राती मालिक टा आवो हलों आर दारू टा गाड़ी में लेकर चेल जा हलो. हम नाय जाने पारेलियों कि हमरा एकर खातिर जेल जितो होतो. एक बैर माफ कैर दे. बड़ी मेहरबानी हतो.’
आदिवासी को बहला-फुसला कर भाड़े पर लिया घर
पारघो गांव घनघोर उग्रवाद प्रभावित गांव है. इस गांव में आदिवासी समुदाय के लोगों की संख्या अधिक है. कारोबारी आदिवासियों को बहला-फुसला कर अवैध कारोबार के लिए उसके घर का उपयोग करते हैं. पुलिस चाह कर भी जल्दी वहां नहीं पहुंच पाती है. इसके कारण यह इलाका अवैध कारोबारियों का सेफ जोन बना हुआ है.