‘साहब’ के ‘खास’ के संरक्षण में हो रही कोयला तस्करी

धनबाद : अकसर सुर्खियों में रहनेवाला निरसा, आचार सहिता लगते ही फिर से सुर्खियों में है. पर इस बार यह राजनीति के लिए नहीं, बल्कि कोयला तस्करी के लिए ज्यादा चर्चा में है. चुनाव की सरगर्मी में भी यहां कोयला तस्करी की चर्चा ज्यादा है. सूत्र बताते हैं कि कोयला तस्करों से बड़ी डील हुई […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 27, 2019 2:50 AM

धनबाद : अकसर सुर्खियों में रहनेवाला निरसा, आचार सहिता लगते ही फिर से सुर्खियों में है. पर इस बार यह राजनीति के लिए नहीं, बल्कि कोयला तस्करी के लिए ज्यादा चर्चा में है. चुनाव की सरगर्मी में भी यहां कोयला तस्करी की चर्चा ज्यादा है. सूत्र बताते हैं कि कोयला तस्करों से बड़ी डील हुई है और उन्हें कोयला तस्करी की छूट मिल गयी है. किसी तस्कर को 150 टन, तो किसी को 200 टन कोयला टपाने की मंजूरी मिली है. कोयला तस्कर बीसीसीएल व इसीएल की विभिन्न कोलियरियाें तथा अवैध खनन कर बड़े पैमाने पर कोयला तस्करी कर रहे हैं.

मिल गयी सिंडिकेट की कमान : कोयला तस्करों के सिंडिकेट का संचालन किसी राजनीतिक पार्टी के नेता नहीं, बल्कि धनबाद के एक बड़े साहब के खास कर रहे हैं. कोयला तस्करी शुरू कराने के लिए साहब के खास ने तस्करों से मोटी वसूली भी कर ली है. इसके बाद निरसा, मुगमा, पंचेत, कुमारधुबी, गलफरबाड़ी, शासनबेड़िया व झरिया आदि क्षेत्रों में तस्करों को लूट की छूट दे दी है. जानकार बताते है कि आचार-संहिता लगते ही निरसा में नेताओं का असर कुछ कम हुआ है और साहब के ‘खास’ ने मोर्चा संभाल लिया है.
साहब के ‘खास’ के बारे में बताते है कि उनकी पहुंच ऊपर तक है. इस कारण इनकी पाेस्टिंग सिर्फ जिले में ही नहीं, बल्कि प्रदेश के भी दमदार थानों में होती रही है. राजधानी रांची के पड़ाेसी जिले में भी उनकी पाेस्टिंग रही है, जहां बहुतायत में काेयला है. जीटी रोड में अवस्थित एक थाने में अभी कुछ माह पहले ही इनकी पोस्टिंग हुई है.

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