चार और शेल कंपनियों पर प्राथमिकी दर्ज

चारों फर्जी कंपनियों ने 28.90 करोड़ की जीएसटी की चोरी की 28.90 का ई-वे बिल (परमिट) जेनेरेट किया उस परमिट पर दो नंबर का कोयला को सेलआउट किया धनबाद : शेल (फर्जी) कंपनियों का कारोबार रुक नहीं रहा है. फर्जी कंपनी बनाकर दो नंबर का कोयला बेचा जा रहा है. शेल कंपनी शर्मा एंड सन्स […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 21, 2019 2:48 AM

चारों फर्जी कंपनियों ने 28.90 करोड़ की जीएसटी की चोरी की

28.90 का ई-वे बिल (परमिट) जेनेरेट किया
उस परमिट पर दो नंबर का कोयला को सेलआउट किया
धनबाद : शेल (फर्जी) कंपनियों का कारोबार रुक नहीं रहा है. फर्जी कंपनी बनाकर दो नंबर का कोयला बेचा जा रहा है. शेल कंपनी शर्मा एंड सन्स व आरके इंटरप्राइजेज के बाद सेल्स टैक्स ने शुक्रवार को चार और शेल कंपनियों के खिलाफ गोविंदपुर थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी है. शेल कंपनी जगत जननी, मां भवानी इंटरप्राइजेज, शांति ट्रेडिंग कंपनी व जय मां इंटरप्राइजेज ने मिल कर 28 करोड़ 90 लाख का कोयला बेचा. न तो टैक्स जमा किया और न ही तीन बी रिटर्न फाइल की.
जांच की गयी तो न कंपनी का स्पॉट मिला और न ही प्रोपराइटर. चारों कंपनियों के खिलाफ गोविंदपुर पुलिस ने झारखंड माल एवं सेवा कर अधिनियम 2017 की धारा 132 वन ई , 132 वन एफ 120 बी 419, 420, 467, 468, 471, 34 के तहत मामला दर्ज कर छानबीन शुरू की है. एफआइआर दर्ज राज्यकर पदाधिकारी शमिक कुमार व राज्यकर पदाधिकारी विनोद कुमार ने करायी है.
दो नंबर कोयला को एक नंबर बनाती है शेल कंपनियां : दो नंबर का कोयला को एक नंबर बनाने का काम शेल कंपनियां करती हैं. फेक रेंट एग्रीमेंट, आधार नंबर, पैन नंबर से फर्जी कंपनी बनाकर ऑन लाइन निबंधन कराया जाता है. विभिन्न खदानों से जो दो नंबर का कोयला निकलता है, उस कोयला को एक नंबर बनाने के लिए फर्जी कंपनी के नाम से ऑन लाइन ई-वे बिल जेनेरेट किया जाता है.
उस कोयले को या तो राज्य के बाहर भेजा जाता है या स्थानीय भट्ठों में खपाया जाता है. यह खेल पिछले दो साल से चल रहा है. फर्जी कंपनियों द्वारा 3 बी रिटर्न फाइल नहीं करने पर मामले का खुलासा हो रहा है. अब तक एक सौ से अधिक शेल कंपनियों की जांच चल रही है. 17 शेल कंपनियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गयी है.

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