झरिया में बैठकर अमेरिका के लोगों को ठगनेवाले साइबर फ्रॉड गिरोह का भंडाफोड़, 29 हिरासत में

धनबाद/रांची : प्रदेश में अब तक का सबसे शातिर साइबर अपराधी गिरोह झरिया के ऐना इस्लामपुर में पकड़ा गया है. यह गिरोह कॉल सेंटर की आड़ में विदेशियाें, खास कर अमेरिकी नागरिकों को निशाना बनाता था. हर माह इंडियन करेंसी में करीब 25 लाख रुपये कमाता था. विदेशी नागरिकों से यह ऑनलाइन डाॅलर में ठगी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 22, 2019 8:37 AM

धनबाद/रांची : प्रदेश में अब तक का सबसे शातिर साइबर अपराधी गिरोह झरिया के ऐना इस्लामपुर में पकड़ा गया है. यह गिरोह कॉल सेंटर की आड़ में विदेशियाें, खास कर अमेरिकी नागरिकों को निशाना बनाता था. हर माह इंडियन करेंसी में करीब 25 लाख रुपये कमाता था.

विदेशी नागरिकों से यह ऑनलाइन डाॅलर में ठगी करता था. उस डॉलर को कोई और व्यक्ति इंडियन करेंसी में बदल कर इन अपराधियों को नकद पैसा मुहैया कराता था. वह व्यक्ति कौन है, उसका पता लगाया जा रहा है. यह गोरखधंधा करीब डेढ़ साल से चल रहा था. पुलिस ने इस सिलसिले में 29 लोगों को गिरफ्तार किया है.
उनसे पूछताछ की जा रही है. गिरोह का मास्टरमाइंड झरिया कोयलांचल का विक्रांत सिंह और ज्वाला सिंह बताया जाता है. अन्य गिरफ्तार लोगों में मासस नेता रुस्तम अंसारी का बेटा बंटी अंसारी, राणा सिंह, बिट्टू अंसारी, सुजीत सरकार, दानिश अंसारी, बादशाह अंसारी, सन्नी, वकील शामिल हैं. पुलिस ने सभी साइबर अपराधियाें को फिलहाल धनसार थाना में रखा है. छापामारी में रांची साइबर एक्सपर्ट की टीम भी शामिल थी.
झारखंड में इस तरह के साइबर अपराध की पहली घटना
हर माह करीब 25 लाख रुपये की करता था कमाई
रांची से साइबर डीएसपी व विशेषज्ञ पहुंचे झरिया, कर रहे जांच
कोलकाता के कॉल सेंटर में सीखे थे फर्जीवाड़ा का ट्रिक
31 कंप्यूटर, तीन दर्जन से ज्यादा मोबाइल, दो वाहन बरामद
साइबर पुलिस, धनबाद, धनसार और झरिया पुलिस ने शुक्रवार की रात दो बजे संयुक्त रूप से ऐना इस्लामपुर में रुस्तम अंसारी के गैरेज में छापामारी कर इन लोगों को गिरफ्तार किया. पुलिस ने इनके पास से एक महिंद्रा की टीयूवी गाड़ी (जेएच 10बीइ 9505), एक वर्ना गाड़ी (जेएच 10बीक्यू 7007), 31 कंप्यूटर, एक लैपटॉप व तीन दर्जन से अधिक मोबाइल बरामद किये हैं.
कोलकाता से लायी गयी थी अमेरिकी इंग्लिश बाेल ग्राहक फंसाने वाली टीम
विक्रांत और ज्वाला की टीम ज्यादातर अमेरिकी नागरिकों को निशाना बनाती थी. इन नागरिकों को फंसाने के लिए इन दोनों ने अमेरिकन इंग्लिश अच्छे ढंग से बोलने वाले लोगों की टीम कोलकाता से झरिया स्थित अपने सेंटर पर लाया था. विक्रांत सिंह और ज्वाला सिंह पहले कोलकाता के एक कॉल सेंटर में काम करते थे. वहीं से इन लोगों ने साइबर अपराध की ट्रिक सीखी थी.
झरिया के ऐना इस्लामपुर में फर्जी कॉल सेंटर बनाकर अमेरिकी नागरिकों से साइबर फ्राॅड किया जा रहा था. मामले में पुलिस 29 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है. इनमें लगभग 18 लोगों की संलिप्तता सामने आयी है. और पूछताछ के बाद पूरी स्थिति स्पष्ट हो जायेगी.
किशोर कौशल, एसएसपी, धनबाद

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