करकेंद कांटा घर में तनातनी के बाद दोनों गुटों में गतिरोध खत्म

पुटकी : विधानसभा चुनाव के बाद बदले हुए राजनीतिक परिदृश्य में बीसीसीएल के पीबी एरिया अंतर्गत करकेंद कांटा घर में गुरुवार को सुबह से ही कांटा गाड़ी का कांटा कराने को लेकर गहमागहमी रही. स्थिति को भांपते हुए पुटकी पुलिसव सीआइएसएफ के जवान भी घंटों कांटा घर के समीप तैनात रहे. दोपहर करीब पौने दो […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 27, 2019 8:43 AM

पुटकी : विधानसभा चुनाव के बाद बदले हुए राजनीतिक परिदृश्य में बीसीसीएल के पीबी एरिया अंतर्गत करकेंद कांटा घर में गुरुवार को सुबह से ही कांटा गाड़ी का कांटा कराने को लेकर गहमागहमी रही. स्थिति को भांपते हुए पुटकी पुलिसव सीआइएसएफ के जवान भी घंटों कांटा घर के समीप तैनात रहे.

दोपहर करीब पौने दो बजे दो गुटों में जारी गतिरोध समाप्त होने के पश्चात दो गाड़ियों का कांटा (एमटी) कराया गया. इससे पूर्व सुबह से ही दो गुटों के समर्थक दर्जनों की संख्या में महिला-पुरुष के साथ कांटा घर पहुंचे. कांटा होने व नहीं होने को लेकर अड़े रहे. सूचना पाकर आजसू जिला अध्यक्ष मंटू महतो भी पहुंचे और दोनों पक्षों को समझाने का प्रयास किया.
करीब पौने दो बजे दोनो गुटों के नेताओं ने सयुंक्त रूप से स्थानीय प्रशासन के सामने आकर आपसी विवाद सुलझा लेने की बात कही. इसके बाद दो गाड़ियों का कांटा कराया जा सका. तब जाकर दोनों गुटों के समर्थक मौके से हटे. वहीं स्थिति तनावपूर्ण होता देख पुटकी इंस्पेक्टर सह थाना प्रभारी संजीव कुमार तिवारी ने समझा–बुझा कर सख्ती के साथ स्थिति को नियंत्रण में रखा.
करीब दो माह पूर्व कांटा घर का शुभारंभ हुआ था. शुभारंभ काल से ही विवाद गहराया हुआ है. कई बार वार्ता के बाद भी मैनुअल लोडिंग को लेकर विवाद जारी रहा. इसी बीच चुनाव को देखते हुए जिला प्रशासन ने कांटा घर के आसपास धारा 144 लगा दी थी.
मौके पर प्रबंधन की ओर से डीपी सिंह के अलावा विधायक समर्थक सतीश सिंह, हिमांशु पाठक, आजसू नेेता जीतू पासवान एवं मनोज महतो, अवधेश पासवान, भुटका यादव (दोनों टाइगर फोर्स), बबलू मोदक, रंजीत आर्या, सुंदरी महतो, मुखिया दीपक सिंह चौधरी, बद्री रविदास, संतोष सिंह, राजीव महतो, अशोक सिंह सहित दर्जनों की संख्या में महिला-पुरुष मौजूद थे.
होती रही चर्चा ‘टाइगर अब बैकफुट पर’
गुरुवार को कांटा घर के आसपास दिन भर चर्चा होती रही कि कई दिनों से जारी इस गतिरोध में गुरुवार टाइगर समर्थक थोड़े नरम पड़ गए हैं. चर्चा हैं कि विधानसभा चुनाव के पश्चात राज्य में सत्ता से बेदखल होने से टाइगर समर्थकों की अकड़ थोड़ी ढीली पड़ गयी है.
उन्हें अपनी ताकत कम होने का अहसास हो गया हैं. इसलिए उन्होंने मामले का शांतिपूर्ण समझौता करने में ही भलाई समझी. वहीं लोग कहते सुने गए कि टाइगर अब बैकफुट पर.

Next Article

Exit mobile version