प्रभात खबर से खास बातचीत में बोलीं झरिया से कांग्रेस विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह, बंदूक के बल पर नहीं होने देंगे मजदूरों का शोषण

मनोहर कुमार धनबाद : झरिया में कांग्रेस प्रत्याशी पूर्णिमा नीरज सिंह की जीत ने जहां रघुकुल का प्रभाव बढ़ा दिया है, वहीं सिंह मेंशन के लिए अपनी राजनीतिक विरासत बचाने की बड़ी चुनौती पैदा कर दी है. यह चुनाव दोनों दबंग घरानों के वर्चस्व की जंग थी, जिसमें झरिया की जनता ने रघुकुल के पक्ष […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 27, 2019 8:57 AM

मनोहर कुमार

धनबाद : झरिया में कांग्रेस प्रत्याशी पूर्णिमा नीरज सिंह की जीत ने जहां रघुकुल का प्रभाव बढ़ा दिया है, वहीं सिंह मेंशन के लिए अपनी राजनीतिक विरासत बचाने की बड़ी चुनौती पैदा कर दी है. यह चुनाव दोनों दबंग घरानों के वर्चस्व की जंग थी, जिसमें झरिया की जनता ने रघुकुल के पक्ष में फैसला दिया.

इस परिणाम ने झरिया कोयलांचल की राजनीति में एक नये अध्याय की शुरुआत की है. पहली बार चुनाव जीतीं पूर्णिमा नीरज सिंह के समक्ष झरिया पुनर्वास, विस्थापन व प्रदूषण जैसे कई गंभीर मुद्दे चुनौती के रूप में खड़े हैं. पूर्णिमा नीरज सिंह से प्रभात खबर संवाददाता ने बात की. पढ़िये पूरी बातचीत.

आपकी जिंदगी में इस जीत के क्या मायने हैं?
मेरे जीवन में इस जीत के बड़े मायने है और हमेशा रहेगा. यह जीत एक लड़ाई है और पति स्वर्गीय नीरज सिंह को श्रद्धांजलि है. मैं अब-तक उनके लिए कुछ नहीं कर पायी थी. इसलिए यह जीत बहुत ही जरूरी थी. इसके लिए मैं झरिया की जनता का आभार प्रकट करती हूं.
झरिया की जनता से आपने कई वायदे किये, कैसे पूरा करेंगी ?
मैंने झरिया की जनता से काल्पनिक वायदे नहीं किये हैं. मूलभूत समस्याओं की बात की है, जिनसे वे जूझ और भुगत रहे हैं. मैंने पुनर्वास और विस्थापन की बात कही. पानी, सड़क, नाली, शिक्षा व नियोजन और आरएसपी कॉलेज के स्थानांतरण की बात की हैं. मेरी प्राथमिकता झरिया की जनता को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराना है.
झरिया की जनता ने आप पर विश्वास किया. उनके विश्वास को आप और कैसे मजबूत बनायेंगी ?
झरिया की जनता ने मुझ पर जो विश्वास दिखाया है, उन पर शत-प्रतिशत खरा उतरने का प्रयास करूंगी. मेरी सबसे पहली कोशिश होगी कि यहां की जनता को पानी की समस्या से निजात दिला सकूं. हर घर को पानी उपलब्ध करा सकूं. इसके लिए प्रयास भी करना शुरू कर दिया है. झरिया की जनता को पानी के लिए तरसने नहीं दिया जायेगा.
झरिया में प्रदूषण, जलसंकट और आउटसोर्सिंग में रंगदारी बड़ी समस्या है. इसे कैसे दूर करेंगी ?
झरिया में पानी, प्रदूषण और आउटसोर्सिंग में रंगदारी बहुत बड़ी समस्या है. इनका हरसंभव निदान किया जायेगा. आउटसोर्सिंग कंपनियों को हर-हाल में मजदूरों को हाइ पावर कमेटी द्वारा पास न्यूनतम मजदूरी देनी होगी. उसके दिलाने की शुरुआत मेरे स्वर्गीय पति नीरज सिंह ने ही की थी. अब हम उसे दिलायेंगे. हम दिलाने लायक बन गये हैं. झरिया में अब गोली-बंदूक के बल पर मजदूरों का शोषण नहीं करने दिया जायेगा. मजदूरों को उनका हक देना ही होगा. प्रदूषण नियंत्रण के लिए पर्याप्त संसाधन व राशि दी जाती है, लेकिन राशि खर्च नहीं होती. अब ऐसा नहीं चलेगा. सरकारी कंपनी बीसीसीएल हो या आउटसोर्सिंग कंपनी, उन्हें प्रदूषण नियंत्रण के लिए हर हाल में पानी का छिड़काव करना ही होगा.
पति के सपनों को पूरा करने का आधार मिल गया है. क्या हैं वे मुद्दे और उसे कैसे पूरा करेंगी ?
वह चाहते थे कि उनके सामने कोई परेशान व दुखी व्यक्ति आये, तो उसकी वह मदद करें. हम भी उनके बताये गये इस रास्ते पर चलेंगे. हर उस व्यक्ति की मदद करने का प्रयास करेंगे, जो सरकारी तंत्र या किसी अन्य व्यवस्था में फंसा और लाचार है.
राजनीति में आपकी खुद की चलेगी या परिजनों के रबर स्टांप की तरह काम करेंगी?
ऐसा नहीं है. विपक्ष द्वारा ऐसा भ्रम फैलाया जा रहा है. जो लोग मुझे जानते हैं, मैं ऐसा कतई नहीं होने दूंगी. वही काम करूंगी, जो सही होगा और झरिया की जनता के हित में होगा.
रघुकुल के दरवाजे हर समय हर किसी के लिए नहीं खुले रहते. फिर जनता आपके पास अपनी बात कैसे पहुंचायेगी?
रघुकुल के दरवाजे हमेशा से लोगों के लिए खुले हुए हैं. अगर ऐसा नहीं होता, तो आज झरिया की जनता का प्यार और आशीर्वाद हमें नहीं मिलता. इस जीत की नींव मेरे पति स्व नीरज ने ही रखी थी. ऐसा कभी नहीं हुआ, जो लोग कहे कि वह हम तक नहीं पहुंच सके. रघुकुल का दरवाजा हर किसी के लिए हमेशा खुला रहा है और आगे भी खुला रहेगा.
क्या यहां के लोग आपको भविष्य के सांसद के रूप में देख रहे हैं?
समय आने पर ही कुछ बोलना सही होगा. फिलहाल मुझे झरिया की जिम्मेदारी मिली है. उसे पूरा करना मेरा लक्ष्य है. अगले पांच वर्षों तक मैं सिर्फ और सिर्फ अपने लोगों (झरिया की जनता) के बीच रह कर उनकी सेवा करना चाहती हूं.
झरिया को उजड़ने से कैसे बचायेंगी. आरएसपी कॉलेज भी इसमें शामिल है. पुनर्वास होगा?
पुनर्वास झरिया की बहुत बड़ी समस्या है. इसका निराकरण नहीं हुआ. जब पांच हजार लोगों का पुनर्वास होना था, तब नहीं हुआ. आज लोगों की संख्या पांच लाख हो गयी है. पुनर्वास न्यायपूर्ण होना चाहिए. उचित लोगों को नियोजन और सही मुआवजा मिलना चाहिए. झरिया विकास प्राधिकार (जेआरडीए) को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी. झरिया की जनता के लिए सड़क से लेकर सदन तक आवाज उठाऊंगी. पुनर्वास सिर्फ झरिया का मुद्दा नहीं है, बल्कि राष्ट्र का मुद्दा है. नया झरिया बसाने की बात करते हैं, तो यहां देश का सबसे बड़ा विस्थापन होगा. जबरन पुनर्वास नहीं होने दिया जायेगा. आरएसपी को झरिया लाने का प्रयास करूंगी.
लोग कहते हैं कि अब रघुकुल का दबदबा बढ़ेगा? आपके परिजनों की दबंगई बढ़ेगी? वे उत्पात मचायेंगे? जनता का सोचना कितना जायज है?
ऐसा कुछ भी नहीं होगा. हम पहले की तरह जनता की सेवा करते रहेंगे. मेरे पति नीरज सिंह ने कभी भी वर्चस्व की लड़ाई नहीं लड़ी, बल्कि वे झरिया की जनता के अधिकार की लड़ाई लड़ते रहे. अगर वर्चस्व की लड़ाई लड़े होते, तो उन्हें जनता का इतना प्रेम नहीं मिलता. जिन्होंने ऐसी भ्रामक बातें फैलायी है, उनके लिए ही झरिया वर्चस्व की लड़ाई है. हम सेवा के लिए बने हैं और जनता की सेवा करते रहेंगे. अगर शोषित, वंचित और दुखी व्यक्ति के लिए खड़ा होना वर्चस्व है, तो हमारे लिए वह सही है.
झरिया की जनता को क्या संदेश देना चाहेंगी ?
मुझ पर भरोसा करते हुए झरिया की जनता ने 52 वर्षों के बाद जो ऐतिहासिक बदलाव किया है. इसके लिए उनके प्रति आभार प्रकट करती हूं. उन्होंने जो विश्वास दिखाया है, इसके लिए कभी निराश नहीं करूंगी. मेरे पति को झरिया की जनता ने जो सच्ची श्रद्धांजलि दी है, इसके लिए मैं पूरे परिवार की ओर से पुन: आभार प्रकट करती हूं.
क्या-क्या कहा
  • मेरी प्राथमिकता जनता काे मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराना है
  • झरिया की जनता को पानी के लिए तरसने नहीं देंगे
  • रघुकुल का दरवाजा हर किसी के लिए खुला रहा है और रहेगा
  • आउटसोर्सिंग कंपनियों काे मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी देनी ही हाेगी
  • झरिया में जबरन पुनर्वास नहीं हाेने देंगे
  • शोषित, वंचित के लिए खड़ा होना वर्चस्व है, तो यह सही है

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