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जूस जैकिंग’ के जरिये बैंक एकाउंट में लग रही है सेंध

धनबाद : जूस जैकिंग… साइबर अपराध का एक नया तरीका. अगर आप सार्वजनिक स्थानों पर मोबाइल फोन चार्ज कर रहे हैं, तो आपको सतर्क रहने की जरूरत है. इन दिनों शातिर साइबर अपराधी जूस जैकिंग से मोबाइल को हैक कर जानकारी चुरा बैंक खातों से राशि उड़ा रहे हैं. इस बारे में भारतीय स्टेट बैंक […]

धनबाद : जूस जैकिंग… साइबर अपराध का एक नया तरीका. अगर आप सार्वजनिक स्थानों पर मोबाइल फोन चार्ज कर रहे हैं, तो आपको सतर्क रहने की जरूरत है. इन दिनों शातिर साइबर अपराधी जूस जैकिंग से मोबाइल को हैक कर जानकारी चुरा बैंक खातों से राशि उड़ा रहे हैं. इस बारे में भारतीय स्टेट बैंक ने ट्वीट कर अपने ग्राहकों को आगाह किया है. बैंक का कहना है कि चार्जिंग स्टेशन पर अपना फोन चार्ज करने से पहले दो बार सोचें. कोई मेलवेयर वायरस आपके फोन में घुसकर आपके तमाम डेटा और पासवर्ड को हैक कर हैकर तक पहुंचाने का साधन बन रहा है.

एसबीआइ ने लोगों से सार्वजनिक स्थान जैसे रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, मॉल आदि में फ्री फोन चार्जिंग प्वाइंट पर चार्ज करने से बचने की सलाह दी है. बैंकों ने ही ऐसे अपराध को जूस जैकिंग का नाम दिया है. बैंकिंग विशेषज्ञों की मानें तो साइबर अपराधी सार्वजनिक स्थलों पर लगे चार्जिंग प्वाइंट व प्राइवेट इंटरनेट कैफे के माध्यम केबल या पोर्ट के जरिये आपके प्राइवेट डेटा की चोरी करने की फिराक में लगे हैं.
डेटा की चोरी होते ही उसमें से प्राइवेट ओटीपी निकाल आसानी से आपके एकाउंट से रुपये उड़ा सकते हैं. बैंकों का मानना है कि सौ में से 60 लोग अपना इंटरनेट बैंकिंग का उपयोग प्राइवेट इंटरनेट कैफे में करते हैं. ऐसी स्थिति में जूस जैकिंग के माध्यम से साइबर अपराधी डेटा की चोरी कर अपने मकसद में कामयाब हो रहे हैं.
क्या है जूस जैकिंग
जूस जैकिंग एक तरह का साइबर हमला है. इसे साइबर अपराधी चार्जिंग केबल या पोर्ट के माध्यम से सार्वजनिक स्थलों व प्राइवेट इंटरनेट कैफे में रहकर अंजाम देते हैं. बैंक अधिकारियों की मानें तो इन जगहों पर लगे डिवाइस में साइबर अपराधी पहले से ही अतिरिक्त चिप लगा दिये रहते हैं. इसके माध्यम से अपराधी संबंधित फोन में मालवेयर इंस्टाॅल कर देते हैं.
मालवेयर इंस्टॉल होते ही साइबर अपराधी आपके फोन का इस्तेमाल कहीं से भी बैठे-बैठे कर सकते हैं. इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से साइबर अपराधी आपके फोन या इंटरनेट बैंकिंग से पूरा डाटा कॉपी करते हैं, जिसके बाद पासवर्ड, ओटीपी आदि को देखकर बैंक खातों से पैसा भी उड़ा लेते हैं. इस तरह एकाउंट में रखी गाढ़ी कमाई की चोरी आसानी से हो जाती है.
बैंकों ने जारी की है एडवाइजरी
बैंकों ने अपने उपभोक्ताओं को लूटने से बचाने व सुरक्षित रहने के लिए एक एडवाइजरी जारी करते हुए ग्राहकों को सार्वजनिक स्थलों पर मोबाइल चार्ज करने व प्राइवेट इंटरनेट कैफे में इंटरनेट बैंकिंग एप्प नहीं खोलने की सलाह दी है. बैंक अधिकारियों का कहना है कि इन दिनों साइबर अपराध की घटनाओं में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. उपभोक्ता थोड़ी-सी सावधानी बरत लुटने से बच सकते हैं.
सतर्कता ही है बचाव : बैंकों का कहना है कि उपभोक्ता थोड़ी-सी सावधानी बरत ऐसी घटनाओं से बच सकते हैं. एकाउंट से अवैध रूप से रुपये की निकासी रोकने के लिए सबसे पहले ग्राहकों को प्राइवेट इंटरनेट कैफे या किसी दूसरे के मोबाइल पर इंटरनेट बैंकिंग एप्प नहीं खोलना चाहिए. ग्राहक कहीं बाहर जा रहे हैं तो अपने साथ मोबाइल चार्जर या पावरबैंक ले जा सकते हैं.
अगर भूलवश चार्जर घर छूट जाये व सार्वजनिक स्थलों पर लगाये गये चार्जिंग प्वाइंट पर मोबाइल लगाने की आवश्यकता पड़े तो संबंधित मोबाइल पर आने वाले संदेश पर भी नजर रख साइबर अपराध की घटनाओं से बच सकते हैं. किसी भी समय बैंक खाते से अवैध रूप से रुपये की निकासी की जानकारी मिले तो इसकी सूचना तुरंत बैंक अधिकारियों को देने की जरूरत है.

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