नवजात के दो टुकड़े होने के मामले में जांच के आदेश

धनबाद : प्रसव के दौरान नवजात के दो टुकड़े होने के मामले को मानवाधिकार नयी दिल्ली ने संज्ञान में लिया है. पीएमसीएच धनबाद को पत्र लिख कर मामले की जांच का आदेश दिया है. घटना गिरिडीह के सदर अस्पताल के मातृ कल्याण शिशु केंद्र चैताडीह में घटी थी. मानवाधिकार आयोग ने इस संबंध में प्रभात […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 1, 2020 3:10 AM

धनबाद : प्रसव के दौरान नवजात के दो टुकड़े होने के मामले को मानवाधिकार नयी दिल्ली ने संज्ञान में लिया है. पीएमसीएच धनबाद को पत्र लिख कर मामले की जांच का आदेश दिया है. घटना गिरिडीह के सदर अस्पताल के मातृ कल्याण शिशु केंद्र चैताडीह में घटी थी. मानवाधिकार आयोग ने इस संबंध में प्रभात खबर के आठ फरवरी 2019 के अंक में प्रकाशित खबर का हवाला देते हुए जांच के आदेश दिये हैं. कहा है कि गायनी, सर्जरी, रेडियोलॉजी व मेडिसीन के डॉक्टरों को जांच टीम में शामिल किया जाये.

क्या था मामला : जमुआ प्रखंड के दुमा गांव स्थित मेदनीटांड़ निवासी मनू वर्मा की पत्नी राखी देवी को प्रसव पीड़ा के बाद सात फरवरी 2019 की अलसुबह करीब 3.30 बजे एसएनसीयू चैताडीह में भर्ती कराया गया था. डॉ संगीता कुमारी ने उसका प्रसव कराने का प्रयास किया. सुबह करीब 8:30 बजे प्रसव के दौरान शिशु का सिर, नाभी और दो हाथ बाहर निकलने के बाद उसका शेष भाग गर्भ में ही फंस गया.

बताया गया था कि शिशु की मौत गर्भ में ही हो चुकी थी. काफी प्रयास के बाद भी शिशु को पूरी तरह गर्भ से नहीं निकाला जा सका. इससे प्रसूता की स्थिति बिगड़ने लगी. बाद में चिकित्सक ने सहयोगियों के साथ बलपूर्वक निकालने का प्रयास किया, जिससे शिशु का सिर और हाथ धड़ से अलग हो गया. शेष भाग गर्भ में ही फंस गया. यह देख चिकित्सक ने उसे अन्यत्र रेफर कर दिया.

अस्पताल में हुआ था इलाज : परिजनों के दबाव बनाने पर चिकित्सक ने इस मामले को दूसरे शिफ्ट में 9:00 बजे से ड्यूटी पर आयी डॉ सुनीला कुमारी सिंह से हल करने को कहा. डॉ सुनीला मरीज की बिगड़ती स्थिति देख तत्काल सिजेरियन कर शिशु के शेष भाग को बाहर निकालने में सफल रही. इधर, पीड़िता की सास तारा देवी का कहना था कि राखी का सिजेरियन पहले भी किया जा सकता था, लेकिन चिकित्सक ने वैसा नहीं किया, जिसके कारण अमानवीय कृत्य हुआ. पीड़िता के पिता राजकुमार ने चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप लगाया था. मामले को लेकर परिजनों में गुस्सा था.

Next Article

Exit mobile version