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कोयला कंपनियों से ही राजस्व की आस

धनबाद: राजस्व का टारगेट पूरा करने के लिए खनन विभाग को कोयला कंपनियों का ही सहारा है. क्रशर उद्योग से एक से दो फीसदी लक्ष्य प्राप्त होता है. जबकि इंट भट्टा बरसात के कारण बंद हैं. बालू घाट को भी पंचायतों को दे दिये जाने के कारण विभाग को राजस्व नहीं मिल रहा है. विभागीय […]

धनबाद: राजस्व का टारगेट पूरा करने के लिए खनन विभाग को कोयला कंपनियों का ही सहारा है. क्रशर उद्योग से एक से दो फीसदी लक्ष्य प्राप्त होता है. जबकि इंट भट्टा बरसात के कारण बंद हैं.

बालू घाट को भी पंचायतों को दे दिये जाने के कारण विभाग को राजस्व नहीं मिल रहा है. विभागीय सूत्रों ने बताया कि फिलहाल बीसीसीएल, इस्को (सेल), टाटा एवं इसीएल से ही राजस्व की प्राप्ति हो रही है. क्रशर उद्योगों में 165 की जगह सिर्फ 114 का नवीकरण हुआ है, उनमें से भी पर्यावरण विभाग के एनओसी को लेकर कई क्रशर उद्योग नहीं चल रहे हैं. ईंट भटटा दीपावली के बाद चालू होगा.

लक्ष्य अभी तक नहीं मिला : चालू वित्तीय वर्ष के साढ़े चार माह बीत जाने के बाद भी अभी तक खनन विभाग को इस साल का लक्ष्य प्राप्त नहीं हुआ है. जिला खनन पदाधिकारी प्रदीप कुमार साह ने बताया कि पिछले साल का टारगेट 98845 लाख रुपये था, जिसके विरुद्ध 87778 लाख रुपये की वसूली हुई थी. इस साल का टारगेट नहीं मिला है. लेकिन साढे चार माह में 227.72 लाख रुपये की वसूली हो चुकी है. बताया कि जो भी लक्ष्य दिया जायेगा , उसे पूरा किया जायेगा.

शो कॉज का पत्र नहीं मिला : पूछे जाने पर कि बीसीसीएल के रॉयल्टी मद के 52.02 लाख रुपये के समायोजन कर लेने का क्या मामला है, इस पर उन्होंने कहा कि अभी चिट्ठी नहीं मिली है. यह कब का मामला है, यह उन्हें नहीं मालूम है. अगर ऐसा हुआ है तो उससे (बीसीसीएल ) उक्त राशि वसूल ली जायेगी.

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