धनबाद : जिला प्रशासन ने मंगलवार की सुबह से वैकल्पिक स्रोत के सहारे माडा के जामाडोबा जल संयंत्र से झरिया और आस-पास के इलाके में जलापूर्ति शुरू करा दी. इससे हड़ताली माडाकर्मियों का झटका लगा है. हड़ताल के कारण झरिया क्षेत्र में तीन दिनों से जलापूर्ति ठप थी. इसके साथ ही प्रशासन एवं माडा प्रबंधन ने माडाकर्मियों की हड़ताल को अवैध घोषित करते हुए 24 घंटे के अंदर ड्यूटी पर वापस लौटने का सख्त निर्देश दिया है.
समय-समय पर खासकर पर्व-त्योहार के समय माडाकर्मियों की हड़ताल के कारण प्रशासन पहले से वैकल्पिक उपाय में लगा था. उपायुक्त प्रशांत कुमार खुद मामले पर नजर रखे हुए थे. अंतत: मंगलवार को प्रशासन को इस कार्य में सफलता मिल गयी.
इसमें बीसीसीएल, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, एमपीएल, टिस्को, सेल के दक्ष तकनीकी कर्मियों तथा माडा के अभियंताओं का सहयोग लिया गया. वरीय प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारी भी लगातार वहां कैंप किये रहे. सनद हो कि तोपचांची जल संयंत्र से प्रशासन ने सोमवार को ही जलापूर्ति शुरू करने में सफलता हासिल की थी. अब सभी जल संयंत्रों से पानी चालू हो गया.
* बधाई के पात्र है जनता एवं कर्मी : डीसी
उपायुक्त प्रशांत कुमार ने हड़ताल के दौरान परेशानी के बावजूद धैर्य बनाये रखने के लिए जनता के प्रति आभार जताया है. कहा कि जनता ने जिला प्रशासन के प्रति जो विश्वास जताया एवं सहयोग किया, इसके लिए उन्हें बधाई. साथ ही जामाडोबा एवं अन्य जल संयंत्रों से जलापूर्ति शुरू करने में सहयोग के लिए बीसीसीएल, पेयजल एवं स्वच्छता, एमपीएल, टिस्को, सेल, माडा, जिला एवं पुलिस प्रशासन के अधिकारियों एवं कर्मियों को भी धन्यवाद दिया है.
* पांच पर प्राथमिकी की तैयारी
डीसी ने माडा एमडी को दो पत्र लिखा हैं. एक पत्र में बगैर पूर्व सूचना की हड़ताल को अवैध घोषित करते हुए कार्रवाई को कहा है. 24 घंटे के अंदर सभी को ड्यूटी पर आने को कहा गया है. साथ ही हड़ताल से पहले जल संयंत्र में तोड़-फोड़ एवं क्षति पहुंचाने वाले कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया है. डीसी के निर्देश पर माडा एमडी रवींद्र सिंह ने पांच कर्मियों को निलंबित कर दिया है. एमडी ने सुरेंद्र लाल (पल्ला प्रभारी), पंकज मंडल (फिल्टर ऑपरेटर), सुरेंद्र यादव (फिल्टर ऑपरेटर), दयानंद धर दुबे (पिट वाटर कर्मी), सुरेंद्र महतो (हेल्पर) को निलंबित करते हुए प्राथमिकी दर्ज कराने को कहा है.
– जामाडोबा को आउटसोर्स में दें
डीसी ने माडा एमडी को दूसरा पत्र लिख कर जामाडोबा जल संयंत्र को आउट सोर्स कंपनी के हवाले करने को कहा है. ताकि जनता को बार-बार जल संकट का सामना नहीं करना पड़े. कहा कि हड़ताल से परेशान जनता एवं सामाजिक संगठन भी अब माडा कर्मियों का विरोध करने लगे हैं. जिला प्रशासन को भी स्थिति संभालने में परेशानी होती है. पत्र में जामाडोबा जल संयंत्र को आउट सोर्स करने की कार्रवाई एक माह के अंदर पूरी करने को कहा गया है. ऐसा नहीं होने पर माडा एमडी के खिलाफ ही कार्रवाई की चेतावनी दी गयी है.