डीआरएम के खिलाफ अरूप ने खोला मोरचा, कार्रवाई की मांग
धनबाद: निरसा के विधायक अरूप चटर्जी ने आसनसोल रेल मंडल के डीआरएम के खिलाफ मोरचा खोल दिया है. श्री चटर्जी ने डीआरएम पर विशेषाधिकार हनन का आरोप लगाते हुए झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष को पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने विशेषाधिकार हनन को लेकर डीआरएम के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. गंभीर विषय पर […]
धनबाद: निरसा के विधायक अरूप चटर्जी ने आसनसोल रेल मंडल के डीआरएम के खिलाफ मोरचा खोल दिया है. श्री चटर्जी ने डीआरएम पर विशेषाधिकार हनन का आरोप लगाते हुए झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष को पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने विशेषाधिकार हनन को लेकर डीआरएम के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
गंभीर विषय पर अगंभीर रूख : विधानसभाध्यक्ष को लिखे गये पत्र में श्री चटर्जी ने कहा है कि कुमारधुबी में ऊपरी सड़क पुल के निर्माण समेत अन्य यात्री मांगों को लेकर उनकी पार्टी मासस ने 26 अगस्त, 2014 को रेल रोको सह एक दिवसीय धरना कार्यक्रम रखा था. इस कार्यक्रम को परिवर्तित कर सिर्फ धरना कार्यक्रम किया गया. इस दौरान वार्ता के लिए डीआरएम, आसनसोल के प्रतिनिधि के रूप में एसीएम आये थे. एसीएम के साथ स्टेशन उप-प्रबंधक कुमारधुबी के कक्ष में उनकी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल की मौखिक वार्ता हुई. वार्ता में यह कहा गया कि एक सप्ताह के अंदर डीआरएम स्वयं आकर कुमारधुबी रेलवे स्टेशन, कुमारधुबी ओवरब्रिज का जायजा लें और समस्याओं के निदान के लिए विधायक व स्थानीय लोगों के साथ वार्ता कर लें, मगर एक सप्ताह बाद भी डीआरएम ने इस गंभीर विषय पर पहल नहीं की.
उपेक्षापूर्ण व्यवहार : श्री चटर्जी ने कहा है कि परिणाम स्वरूप बाध्य होकर क्षेत्र के लोगों ने तीन सितंबर, 2014 को रेल रोको आंदोलन किया. फिर भी डीआरएम का रवैया लापरवाही पूर्ण ही रहा. धनबाद के अनुमंडल पदाधिकारी और निरसा के प्रखंड विकास पदाधिकारी के हस्तक्षेप से डीआरएम ने अपने कार्यालय कक्ष आसनसोल में वार्ता करने के लिए उन्हें तथा क्षेत्रवासियों को बुलवाया. वह अपने सहयोगियों के साथ डीआरएम के कार्यालय कक्ष में पहुंचे.
वहां भी डीआरएम का व्यवहार उनके (श्री चटर्जी) प्रति बेहद उपेक्षापूर्ण रहा. डीआरएम ने जनप्रतिनिधि के रूप में एक विधायक का सम्मान की औपचारिकता तक पूरी नहीं की. डीआरएम ने वार्ता के बाद न तो धन्यवाद ज्ञापन दिया और न ही चाय-पानी के लिए पूछा. वार्ता के दौरान डीआरएम की बातचीत की शैली भी उनके (श्री चटर्जी के) साथ आवेग पूर्ण ही रही. इसके प्रत्यक्षदर्शी अनुमंडल पदाधिकारी, धनबाद तथा प्रखंड विकास पदाधिकारी, निरसा हैं. श्री चटर्जी ने कहा है कि इस मामले की समुचित जांच कराकर डीआरएम के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का मामला लाने की कार्रवाई करें.