कोट लॉक डाउन में फंसा रियल एस्टेट का 1500 करोड़ का प्रोजेक्ट
धनबाद. तीन साल से मंदी की दौर गुजर रहा रियल एस्टेट को लॉक डाउन से बड़ा नुकसान हुअा है. धनबाद में लगभग 1500 करोड़ का प्रोजेक्ट फंस गया है. धनबाद में छोटे-बड़े तीन सौ प्रोजेक्ट पर काम चल रहा था. 22 मार्च को जनता कर्फ्यू व 23 से लॉक डाउन से रियल एस्टेट का काम […]
धनबाद. तीन साल से मंदी की दौर गुजर रहा रियल एस्टेट को लॉक डाउन से बड़ा नुकसान हुअा है. धनबाद में लगभग 1500 करोड़ का प्रोजेक्ट फंस गया है. धनबाद में छोटे-बड़े तीन सौ प्रोजेक्ट पर काम चल रहा था. 22 मार्च को जनता कर्फ्यू व 23 से लॉक डाउन से रियल एस्टेट का काम ठप है. न तो फ्लैट की बिक्री हो रही है अौर न ही प्रोजेक्ट का काम चल रहा है. प्रोजेक्ट लोन इंटरेस्ट व सप्लायर्स का बकाया व अॉफिस वर्कर के पेमेंट को लेकर बिल्डरों का टेंशन बढ़ गया है. लॉक डाउन से अब तक 50 करोड़ से अधिक का नुकसान होने का अनुमान है. धनबाद में लगभग छोटे-बड़े 200 बिल्डर हैं. रियल एस्टेट में लगभग 20 से 25 हजार असंगठित मजदूर काम करते हैं. इसके अलावा लोहा, सीमेंट, गिट्टी व निर्माण सामग्री से भी लोग जुड़े हैं. प्रत्यक्ष या ्प्रत्यक्ष रूप से रियल एस्टेट से एक लाख परिवारों का भरण-पोषण होता है.रियल एस्टेट को खड़ा होने में लगेगा चार माहलॉक डाउन के खत्म होने के बाद भी रियल एस्टेट को खड़ा होने में चार माह का समय लगेगा. बिल्डर एसोसिएशन की मानें तो जो स्थिति है लॉक डाउन अौर बढ़ेगा. जो मजदूर बिहार व बंगाल के हैं. वे अायेंगे या नहीं यह भी समस्या है. अगस्त के बाद मॉनसून का समय अा जाता है. मॉनसून में तीन से चार माह काम ठप रहेगा. बैंक लोन, हाउसिंग लोन व अन्य टैक्स में सरकार रियायत दे तो रियल एस्टेट की स्थिति सुधर सकती है.
बिल्डर एसोसिएशन की मानें तो जो स्थिति है लॉक डाउन अौर बढ़ेगा. जो मजदूर बिहार व बंगाल के हैं. वे अायेंगे या नहीं यह भी समस्या है. अगस्त के बाद मॉनसून का समय अा जाता है. मॉनसून में तीन से चार माह काम ठप रहेगा. बैंक लोन, हाउसिंग लोन व अन्य टैक्स में सरकार रियायत दे तो रियल एस्टेट की स्थिति सुधर सकती है. बिल्डरों का लगभग 500 करोड़ जमा पूंजी भी प्रोजेक्ट में फंसा हैबिल्डर एसोसिएशन की मानें तो प्रोजेक्ट में बिल्डरों की लगभग 500 करोड़ की जमा पूंजी भी प्रोजेक्ट में फंसी हुई है. स्थिति में सुधार व सरकार से फाइनांशियल सपोर्ट नहीं मिला तो अानेवाले दिनों में कई बिल्डरों की स्थिति खराब हो जायेगी. सरकार को प्रोजेक्ट लोन इंटरेस्ट व अन्य टैक्स में रियात व सप्लाई चैन को मजदूत करना होगा तभी रियल एस्टेट फिर से खड़ा हो पायेगा. क्या कहते हैं बिल्डरकोरोना महामारी को लेकर लॉक डाउन जरूरी है. मंदी की दौर से गुजर रहा रियल एस्टेट को लॉक डाउन से काफी नुकसान हो रहा है. जो स्थिति है, कम से कम रियल एस्टेट को फिर से खड़ा होने में चार से छह माह लग जायेगा.
जो मजदूर चले गये हैं, वे वापस अायेंगे या नहीं. कुछ कहा नहीं जा सकता है. रियल एस्टेट की जो स्थिति है,. सरकार को फाइनांशियल सपोर्ट करना चाहिए.विनय सिंह, अध्यक्ष धनबाद बिल्डर एसोसिएशनकोरोना महामारी की जो स्थिति है. रियल एस्टेट को फिर से खड़ा होने में वक्त लगेगा. कोरोा महामारी का माहौल बन गया है. जो मजदूर गये हैं वे वापस अायेंगे या नहीं. कुछ कहा नहीं जा सकता है. प्रोजेक्ट लोन व हाउसिंग लोन इंटरेस्ट पर सरकार को रियायत देना चाहिए. सर्किल रेट को कम किया ाजना चाहिए अौर गैराबाद मामले पर भी सरकार को उचित निर्णय लेना चाहिएअनिल सिंह, महासचिव, धनबाद बिल्डर एसोसिएशनरेलवे के बाद सबसे ज्यादा रोजगार देनेवाला सेक्टर है रियल एस्टेट. इस सेक्टर में सबसे ज्यादा असंगठित मजदूर काम करते हैं. कुछ सालों से रियल एस्टेट मंदी की दौर से गुजर रहा है. लॉक डाउन होने से रियल एस्टेट पूरी तरह बैठ गया है.
हजारों मजदूर बेरोजगार हो गये हैं. सरकार को रियल एस्टेट के लिए अार्थिक पैकेज लाना चाहिए ताकि फिर से रियल एस्टेट खड़ा हो सके. अमरेश सिंह, अध्यक्ष, क्रेडाई धनबादरियल एस्टेट पिछले तीन साल से मंदी के दौर से गुजर रहा है. लॉक डाउन से रियल एस्टेट की स्थिति काफी खराब हो गय ीहै. लगभग 300 प्रोजेक्ट फंस गया है. बिल्डरों का जमा पूंजी भी प्रोजेक्ट में फंसा हुअा है. डाउन कब टूटेगा यह कहना मुश्किल है. रियल एस्टेट को फिर से पटरी पर लाने के लिए सरकार को पहल करनी होगी. स्टांप ड्यूटी को कम करना होगा. पुराने लंबित मामले जैसे गैराबाद मामला समाप्त करना होगा.मनोज मोदी, महासचिव, क्रेडाई धनबादविपदा का समय है.
कोरोना महामारी को लेकर लॉक डाउन भी जरूरी है. जो स्थिति है, लॉक डाउन अौर बड़ेगा. रियल एस्टेट को खड़ा होने में थोड़ा समय लगेगा. जो मजदर गये हैं, वे वापस अायेंगे या नहीं. यह भी कुछ कहा नहीं जा सकता है. सरकार को प्रोजेक्ट लोन व हाउसिंग लोन के इंटरेस्ट में रियायत देनी चाहिए ताकि रियल एस्टेट फिर से खड़ा हो सके.रितेश शर्मा, निदेशक, अलौकिक ग्रुपरियल एस्टेट के लिए बहुत ही खराब समय है. पहले से ही रियल एस्टेट मंदी के दौर से गुजर रहा था. लॉक डाउन के कारण स्थिति अौर बिगड़ गयी. प्रोजेक्ट का काम रूकने से पेमेंट भी फंस गया है. एेसी स्थिति में सरकार को पहल करनी होगी. प्रोजेक्ट लोन इंटरेस्ट के साथ क्रेताअों के हाउसिंग लोन के इंटरेस्ट में भी रियायत देनी होगी. तभी रियल एस्टेट फिर से खड़ा हो पायेगा.अशोक पांडेय, एमडीअशोका बिल्डर