कोजागरी लखी पूजा कल
धनबाद: ‘एसो मां लोक्खी आमादेर घोरे, थाको आलो कोरे..’ बंगाली समुदाय में कोजागरी लखी पूजा का खास महत्व है. इस बार सात अक्तूबर को कोजागरी लखी पूजा है. बंगला पंचांग के अनुसार लखी पूजा सात अक्तूबर को संध्या 6.41 मिनट से प्रारंभ होगी. दुर्गा मंडप कोयला नगर के पुजारी हरि भजन गोस्वामी ने बताया कि […]
धनबाद: ‘एसो मां लोक्खी आमादेर घोरे, थाको आलो कोरे..’ बंगाली समुदाय में कोजागरी लखी पूजा का खास महत्व है. इस बार सात अक्तूबर को कोजागरी लखी पूजा है. बंगला पंचांग के अनुसार लखी पूजा सात अक्तूबर को संध्या 6.41 मिनट से प्रारंभ होगी. दुर्गा मंडप कोयला नगर के पुजारी हरि भजन गोस्वामी ने बताया कि मां लखी की पूजा-अर्चना संध्या से प्रारंभ होती है. भक्तगण अपने घर को सजाते हैं. कहीं खिचड़ी तो कहीं खीर का भोग लगाया जाता है. बंगाली समुदाय में लखी पूजा की तैयारी की जा रही है. घर- घर में मां लखी की आराधना की जायेगी.
सात को प्रारंभ होगी पूर्णिमा
सात अक्तूबर को संध्या 6.20 से अश्विन पूर्णिमा प्रारंभ हो रहा है, जो आठ अक्तूबर को 4.20 बजे तक रहेगा. 4.21 से कार्तिक मास कृष्ण पक्ष का प्रतिपदा प्रारंभ हो जायेगा. पूर्णिमा की पूजा दो बजे दोपहर से पहले तक भक्तगण कर लें. दो बजे के बाद चंद्र ग्रहण प्रारंभ होगा.
आठ अक्तूबर को चंद्र ग्रहण
आठ अक्तूबर को चंद्र ग्रहण है. पंडित गुणानंद झा ने बताया कि चंद्र ग्रहण आठ अक्तूबर को 2.15 से प्रारंभ है, जो संध्या छह बज कर पांच मिनट पर खत्म होगा. भारत में ग्रहण दिखाई नहीं देगा. सिर्फ गर्भवती महिलाएं ग्रहणदोष के प्रभाव में आयेंगी. दोष मुक्ति के लिए शरीर की लंबाई का कास घास या लाल धागा घर के बाहर रख दें. ग्रहण समाप्ति पर जल में प्रवाहित कर दें.