चुनाव आयोग ने मासस को दी कैंची

धनबाद: मार्क्‍सवादी समन्वय समिति (मासस) को चुनाव आयोग ने चुनाव चिह्न आवंटित कर दिया है. अब मासस के उम्मीदवार कैंची सिंबल से चुनाव लड़ेंगे. इसके पहले हर चुनाव में उसका चिह्न बदल जाता था. यहां तक कि अलग-अलग क्षेत्र में इसी पार्टी के उम्मीदवार को निर्दलीय उम्मीदवार की तरह अलग-अलग चिह्न आवंटित होता था. केंद्रीय […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 11, 2014 8:06 AM
धनबाद: मार्क्‍सवादी समन्वय समिति (मासस) को चुनाव आयोग ने चुनाव चिह्न आवंटित कर दिया है. अब मासस के उम्मीदवार कैंची सिंबल से चुनाव लड़ेंगे.

इसके पहले हर चुनाव में उसका चिह्न बदल जाता था. यहां तक कि अलग-अलग क्षेत्र में इसी पार्टी के उम्मीदवार को निर्दलीय उम्मीदवार की तरह अलग-अलग चिह्न आवंटित होता था. केंद्रीय चुनाव आयोग ने अपने पत्रंक एफ नं. 56/ सिंबल/ 2014/ पीपीएस-11/ भीओएल एक्सआइएक्स/ 20, दिनांक 17-092014 के तहत कैंची चुनाव चिह्न आवंटित किया है. गत माह मासस अध्यक्ष आनंद महतो ने चुनाव आयोग से चुनाव चिह्न के आवंटन का आग्रह किया था. उन्होंने कैंची, पतंग व किताब चिह्न में से किसी एक की मांग की थी. उन्होंने झारखंड में इसे सक्रिय बताते हुए कहा था कई विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी को सम्मानजनक मत प्राप्त होता है.

एके राय की सहृदयता के कारण छिना था तीर-धनुष
माकपा से निष्कासित होने के बाद एके राय 1972 में सिंदरी से तीर-धनुष चिह्न से जीते. फिर 1973 में शिबू सोरेन व बिनोद बिहारी महतो के साथ झामुमो का गठन किया. झारखंड क्षेत्र में विधानसभा व लोकसभा चुनाव में इसके उम्मीदवारों का चुनाव चिह्न् तीर-धनुष ही होता था. आपातकाल के दौरान श्री राय इसी चिह्न् से धनबाद लोकसभा क्षेत्र से चुनाव जीते. फिर 1980 में श्री राय धनबाद व शिबू सोरेन दुमका से मासस के टिकट से ही तीर धनुष से चुनाव जीते. 1981 में शिबू सोरेन ने झामुमो का निबंधन राजनीतिक दल के रूप में कराने के लिए आवेदन किया. उस समय उन्हें मिले मत सिंबल पाने के लिए अपर्याप्त थे. इस बाबत आयोग द्वारा पूछे जाने पर श्री राय ने झामुमो को चिह्न् आवंटित करने पर अपनी अनापत्ति जाहिर की. जानकार बताते हैं कि एके राय की इसी सहृदयता की वजह से झामुमो को तीर-धनुष मिला, वरना विवाद रह जाता और मासस को उक्त सिंबल मिल जाता.श्री राय का मानना था कि तीर-धनुष आदिवासियों की परंपरा से जुड़ा चिह्न है और शिबू उनके हक के लिए संघर्ष कर रहे हैं. 1989 में श्री राय तीर-धनुष से ही धनबाद से सांसद बने. इसके बाद जैसे ही तीर-धनुष छिना, वह हारते गये.
क्रांति दिवस की तैयारी
इधर, मासस ने सात नवंबर को क्रांति दिवस मनाने का फैसला किया है. इसको लेकर केंद्रीय कार्यालय टेंपल रोड पुराना बाजार में हुई बैठक में कहा गया कि मौजूदा समय में क्रांति दिवस की महत्ता और बढ़ गयी है. अध्यक्षता हरि प्रसाद पप्पू ने की. बैठक के दौरान केंद्रीय अध्यक्ष पूर्व विधायक आनंद महतो ने कहा कि मासस ने उत्पादक वर्ग की राजनीति को सामने लाने का प्रयास किया है. बैठक में निताई महतो, दिल मोहम्मद, सुभाष चटर्जी, बादल बाउरी, परदेशी मुमरू, बिंदा पासवान, दिलीप कुमार महतो, मुक्तेश्वर महतो, हीरालाल महतो, टेकलाल महतो, हरे मुरारी महतो, भूषण महतो, राजेश बिरुआ, संजय निकुंब मौजूद थे.

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