दक्षिणी में बारह ताल झूमर प्रतियोगिता
टुंडी. बारह ताल झूमर झारखंड की सांस्कृतिक पहचान है. इसे नयी पीढ़ी के युवओं को सहेज कर रखनी चाहिये. यह बात टुंडी नयी आशा सामाजिक संस्था के अध्यक्ष कंठी लाल मंडल ने दक्षिणी टुंडी के देव पहाड़ गांव में झूमर प्रतियोगिता के विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कृत करते हुए कही. प्रतियोगिता में आधा दर्जन टीमों ने […]
टुंडी. बारह ताल झूमर झारखंड की सांस्कृतिक पहचान है. इसे नयी पीढ़ी के युवओं को सहेज कर रखनी चाहिये. यह बात टुंडी नयी आशा सामाजिक संस्था के अध्यक्ष कंठी लाल मंडल ने दक्षिणी टुंडी के देव पहाड़ गांव में झूमर प्रतियोगिता के विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कृत करते हुए कही. प्रतियोगिता में आधा दर्जन टीमों ने भाग लिया था. प्रथम पुरस्कार बेगनरिया, द्वितीय भोलमारा व तृतीय चुनूकडीहा को मिला. मौके पर डॉ सबा अहमद, गुरुचरण बास्की, सिद्दीक अंसारी, रामचंद्र राणा, योगेंद्र राय, अजीमुद्दीन अंसारी, लक्ष्मण महतो, अधीर सिंह, जिया लाल हांसदा, महेश्वर राय आदि थे. निर्णायक मंडली में सुखदेव रजवार, भोला महतो, रोशन राय, रामेश्वर राय आदि थे.