वरीय संवाददाता, धनबाद,
गर्मी बढ़ते ही ओवरलोड के कारण जेबीवीएनएल के उपकरणों में खराबी आने का सिलसिला शुरू हो गया है. सोमवार को उपकरणों में आयी खराबी के कारण पुराना बाजार, गांधी नगर समेत शहर के बड़े इलाके में लोगों को लगभग 17 घंटे बिजली कटौती का सामना करना पड़ा. इन इलाकों में सोमवार की रात को कटी बिजली मंगलवार को अपराह्न लगभग तीन बजे लौटी. जेबीवीएनएल के अधिकारियों के अनुसार सोमवार की रात ओवरलोड के कारण जोड़ाफाटक रोड स्थित पावर सबस्टेशन का आरएमयू जल गया. वही गांधी नगर, पुराना बाजार, अशोक नगर, मनईटांड़ आदि जगहों पर अंडरग्राउंड केबल में खराबी आने से बिजली सप्लाई ठप हो गई. मंगलवार की सुबह मरम्मत का काम शुरू कर अपराह्न तीन बजे तक खराबी को दुरुस्त कर विभिन्न इलाकों में बिजली बहाल की गयी.
हर आधे घंटे पर लोडशेडिंग से परेशान रहे लोग :
दिन चढ़ते ही जेबीवीएनएल के अलग-अलग सबस्टेशन से संबंधित इलाकों में मंगलवार को ओवरलोड की समस्या शुरू हो गई. इस कारण विभिन्न फीडरों से लाइन ट्रिप करना शुरू हो गया. दिन के 12 बजते ही शहर के विभिन्न इलाकों में हर आधे घंटे में लोडशेडिंग होने लगी. यह सिलसिला देर रात तक जारी रहा.
शाम को बंद कर दी गयी शहर की स्ट्रीट लाइटें :
बिजली की मांग बढ़ते ही ओवरलोड की समस्या को देखते हुए मंगलवार को शहर के विभिन्न इलाकों में लगे स्ट्रीट लाइट की बिजली काट दी गई. शाम को गोल बिल्डिंग से सरायढेला, हीरापुर, एलसी रोड, बरटांड़, धैया, बैंक मोड़, पूजा टॉकिज आदि इलाकों में स्ट्रीट लाइट की बिजली काटी गयी.
खपत 280 मेगावाट की, मिल रही 190 मेगावाट बिजली :
मंगलवार को बिजली की खपत में रिकॉर्ड 90 मेगावाट की वृद्धि दर्ज की गई. जेबीवीएनएल के अधिकारियों के अनुसार यह इस साल की सबसे अधिक खपत का रिकॉर्ड है. डीवीसी से धनबाद एरिया बोर्ड को सप्लाई के लिए 190 मेगावाट बिजली मिलती है. जबकि मंगलवार की दोपहर बिजली की खपत 280 मेगावाट तक पहुंच गई.
आज अपराह्न तीन से रात 10 बजे तक पूरे शहर में कटी रहेगी बिजली :
बुधवार को शहर में निकलने वाले रामनवमी जुलूस को देखते हुए जेबीवीएनएल ने एहतियात के तौर पर अपराह्न तीन बजे से रात 10 बजे तक पूरे शहर की बिजली सप्लाई बंद रखने की घोषणा की है. शहर के विभिन्न सबस्टेशन संबंधित इलाकों में जेबीवीएनएल अधिकारियों के साथ बिजली कर्मियों की प्रतिनियुक्ति की गई है. खासकर अखाड़ा दल के साथ जेबीवीएनएल के अधिकारी व बिजली कर्मी भी रहेंगे. अखाड़ा जुलूस के कारण बिजली के उपकरणों को क्षति नहीं पहुंचे, इसकी देखरेख की जिम्मेवारी अधिकारियों व कर्मियों की होगी. जुलूस के बाद अधिकारियों के दिशा-निर्देश पर उक्त इलाके की बिजली सप्लाई शुरू की जायेगी.