पीएचसी ने नवजात को किया रेफर, मौत

आउट डोर में बैठे प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को नहीं लगी भनकगावां. पीएचसी गांव की एक एएनएम की लापरवाही के कारण एक मासूम को अपने जान से हाथ धोना पड़ा है. बावजूद प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को इसकी भनक तक नहीं लगी. बताया जाता है कि प्रखंड के पांडेयडीह निवासी बालेश्वर यादव की बहू की डिलेवरी पीएचसी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 5, 2014 11:03 PM

आउट डोर में बैठे प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को नहीं लगी भनकगावां. पीएचसी गांव की एक एएनएम की लापरवाही के कारण एक मासूम को अपने जान से हाथ धोना पड़ा है. बावजूद प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को इसकी भनक तक नहीं लगी. बताया जाता है कि प्रखंड के पांडेयडीह निवासी बालेश्वर यादव की बहू की डिलेवरी पीएचसी गावां में होने के तुरंत बाद ही नवजात बच्चे को एएनएम इंदू देवी ने गावां बाजार के एक झोला छाप डॉक्टर के पास भेज दिया, जहां इलाज के दौरान मासूम की मौत हो गयी. बच्चे की डिलेवरी होने से लेकर उसे झोला छाप डॉक्टर के पास भेजने तक प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ सुनील बड़ाईक ओडी में बैठे हुए थे. बावजूद उन्होनें मामले की जानकारी तक लेने में दिलचस्पी नहीं दिखायी. घटना की सूचना मिलने पर उपप्रमुख केदार यादव ने मामले से बीडीओ मो जहीर आलम को अवगत कराते हुए दोषियों पर कार्रवाई की मांग की. कहा कि उक्त एएनएम द्वारा पीएचसी आये हर गर्भवती महिलाओं से प्रसव कराने के दौरान मुद्रामोचन किया जाता है. इधर, बीडीओ के बुलावे पर पहुंची एएनएम इंदू देवी ने स्वीकार किया कि उसने नवजात को उक्त झोला छाप के पास ले जाने की नसीहत दी थी. नवजात की हालत नाजुक थी. मौके पर उपस्थित डॉ बड़ाइक ने भी स्वीकार किया कि ओडी में बैठे रहने के बावजूद उन्हें एएनएम ने कोई सूचना नहीं दी. इधर घटना के बाद नवजात के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. क्वोट एएनएम की लापरवाही से नवजात की मौत की शिकायत मिली है. मैंने खुद स्वास्थ्य केंद्र जाकर जांच-पड़ताल की है. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को जांच का आदेश दिया गया है. जहीर आलम, बीडीओ, गावां

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