गवाहों के मुकरने से हार जाती है सरकार

धनबाद: गवाहों के होस्टाइल हो जाने के कारण अधिकतर मुकदमे में सरकारी पक्ष कमजोर हो जाता है और अभियुक्त बरी हो जाते हैं. यह कहना है धनबाद के अधिकांश अपर लोक अभियोजक एवं सहायक लोक अभियोजकों का. सोमवार को समाहरणालय में उपायुक्त प्रशांत कुमार ने धनबाद के कोर्ट में लंबित सेशन केसों की समीक्षा की. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:32 PM

धनबाद: गवाहों के होस्टाइल हो जाने के कारण अधिकतर मुकदमे में सरकारी पक्ष कमजोर हो जाता है और अभियुक्त बरी हो जाते हैं. यह कहना है धनबाद के अधिकांश अपर लोक अभियोजक एवं सहायक लोक अभियोजकों का.

सोमवार को समाहरणालय में उपायुक्त प्रशांत कुमार ने धनबाद के कोर्ट में लंबित सेशन केसों की समीक्षा की. बैठक में प्रभारी एसपी जतिन नरवाल, एसी विनय कुमार राय, अपर लोक अभियोजक ब्रजेंद्र प्रसाद सिंह सहित कई एपीपी मौजूद थे. बैठक में डीसी ने सभी एपीपी से पूछा कि कितने मुकदमे में अभियुक्तों की रिहाई हुई, कितने में सजा. अगर रिहाई हुई तो क्यों हुई का ब्योरा उपलब्ध करायें.

कई एपीपी ने कहा कि कई मामलों में सरकारी गवाह होस्टाइल हो जाते हैं. जबकि कुछ मामलों में समय पर पुलिस अधिकारी एवं डॉक्टर गवाही देने नहीं आते. डीसी ने गवाही के लिए नहीं आने वाले पुलिस अधिकारी एवं डॉक्टरों की सूची उपलब्ध कराने को कहा.

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