मीडिया पर भी व्यवस्था की चोट : आनंद महतो

धनबाद: मीडिया मुक्ति का वाहक है. यह आम जनता के हित का रक्षक भी है, लेकिन हाल के दिनों में मीडिया पर भी व्यवस्था की चोट पड़ी है. पूंजीवाद का जो असर समाज पर पड़ा है, उससे मीडिया भी अछूता नहीं है. मुक्तिगामी मीडिया निम्नगामी वर्ग के उत्थान के सोच में छटपटा रहा है और […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:52 PM

धनबाद: मीडिया मुक्ति का वाहक है. यह आम जनता के हित का रक्षक भी है, लेकिन हाल के दिनों में मीडिया पर भी व्यवस्था की चोट पड़ी है. पूंजीवाद का जो असर समाज पर पड़ा है, उससे मीडिया भी अछूता नहीं है. मुक्तिगामी मीडिया निम्नगामी वर्ग के उत्थान के सोच में छटपटा रहा है और पूंजी है कि प्रगतिशील सोच को उन्नत नहीं होने दे रही है.

ये बातें मासस अध्यक्ष आनंद महतो ने कही. वह रविवार को प्राण जीवन एकेडमी स्कूल ओल्ड स्टेशन में संघर्षशील परिवर्तन समिति की ओर से भ्रष्टाचार व मीडिया की भूमिका पर आयोजित संगोष्ठी को बतौर मुख्य वक्ता संबोधित कर रहे थे. श्री महतो ने कहा कि अमेरिका की करेंसी का प्रभुत्व विश्व में बढ़ने के कारण भारतीय मुद्रा का अवमूल्यन हो रहा है, जो चिंता का विषय है.

कहा कि कॉरपोरेट जगत अपने श्रमिकों को मजदूरी नहीं बल्कि राहत राशि दे रही है. असमान वितरण व्यवस्था की वजह से समाज में जो खाई उत्पन्न हो रही है, उससे उत्पन्न असंतोष को व्यवस्था के खिलाफ उठ खड़ा कराना होगा. दस फीसदी लोगों का दबदबा इसलिए चल रहा है कि बहुसंख्यक लोगों का विरोध घटा है. प्रमुख वक्ता वरीय अधिवक्ता पीके भट्टाचार्य ने कहा कि सत्ता के दुरुपयोग के कारण समाज में भ्रष्टाचार पनप रहा है और मीडिया भ्रष्टाचार को हमारे बीच लाकर दर्पण का काम करता है.

संगोष्ठी को पत्रकार नारायण चंद्र मंडल, पार्षद मदन महतो, यदु राम, सुभाष कुमार चटर्जी, बेंगू ठाकुर आदि ने भी संबोधित किया. अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष कल्याण घोषाल व संचालन सचिव जयदीप बनर्जी ने किया. इसे सफल बनाने में समीर गोस्वामी, आशीष कुमार, राणा गांगुली, अदिति चटर्जी, सोना विश्वास की भूमिका सक्रिय रही.

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