ब्लड बैंक को एनिमिया

धनबाद: राष्ट्रीय एड्स कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (नाको) की डिप्टी डायरेक्टर डॉ शोभिनी रंजन ने मंगलवार को पीएमसीएच का जायजा लिया. उनके साथ नाको के नेशनल डायरेक्टर डॉ अमन कुमार सिंह व झारखंड राज्य एड्स कंट्रोल सोसाइटी के डिप्टी डायरेक्टर डॉ वीरेंद्र प्रसाद भी थे. डॉ शोभिनी ने पीएमसीएच में स्थित आरटीआइ, एसटीआइ, आइसीटीसी, पीपीटीसीटी व ब्लड […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:53 PM

धनबाद: राष्ट्रीय एड्स कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (नाको) की डिप्टी डायरेक्टर डॉ शोभिनी रंजन ने मंगलवार को पीएमसीएच का जायजा लिया. उनके साथ नाको के नेशनल डायरेक्टर डॉ अमन कुमार सिंह व झारखंड राज्य एड्स कंट्रोल सोसाइटी के डिप्टी डायरेक्टर डॉ वीरेंद्र प्रसाद भी थे. डॉ शोभिनी ने पीएमसीएच में स्थित आरटीआइ, एसटीआइ, आइसीटीसी, पीपीटीसीटी व ब्लड बैंक का जायजा लिया.

संसाधन के बाद भी काम नहीं करते ब्लड बैंक वाले : डॉ शोभिनी
डॉ शोभिनी ने ब्लड बैंक के विभागाध्यक्ष डॉ पीके सिंह से कई जानकारियां ली. ब्लड बैंक में खून की कमी पर चिंता जतायी. कहा कि संसाधन है, पर आप काम नहीं करना चाहते हैं. आप लोग कैंप के नाम पर खानापूरी करते हैं. उन्होंने खून की क्रॉस चेकिंग की जानकारी ली.

संतोषजनक जवाब नहीं मिलने कर्मी रवींद्र कुमार को खरी-खोटी सुनायी. डॉ शोभिनी ने कहा कि डोनर से स्वेच्छा से रक्त दान लें. जबरदस्ती नहीं करनी है. खून के बदले पीड़ित या रोगी से खून लेना नियमानुसार गलत है. जो भी पीड़ित आये उसे खून दें. डॉ पीके सिंह से पूछा गया कि एक साल में कितना रक्त संग्रह किया जाता है. जवाब मिला चार हजार यूनिट. सलाह दी कि रक्त दान कैंप लगाने से पहले इसका प्रचार-प्रसार करें, कम से कम एक कैंप से 75 यूनिट खून संग्रह करें. इसके लिए डोनर को जूस आदि के लिए 25 रुपया दिये जाने हैं.

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