लाखों खर्च के बाद भी आतंक

धनबाद: मच्छरों की रोक-थाम पर नगर निगम सालाना लगभग 17 लाख खर्च करता है. इसके बावजूद मच्छर काबू में नहीं. बरसात आते हैं मच्छरों की निकल पड़ी है. मच्छर मारने के दुनिया भर के उपाय भी राहत नहीं दे पा रहे. मच्छर के लिए सही समय : बारिश के समय मुहल्ला व कॉलोनियों की नालियां […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:53 PM

धनबाद: मच्छरों की रोक-थाम पर नगर निगम सालाना लगभग 17 लाख खर्च करता है. इसके बावजूद मच्छर काबू में नहीं. बरसात आते हैं मच्छरों की निकल पड़ी है. मच्छर मारने के दुनिया भर के उपाय भी राहत नहीं दे पा रहे.

मच्छर के लिए सही समय : बारिश के समय मुहल्ला व कॉलोनियों की नालियां भर जाती है. गड्ढों में पानी भर जाता है. साथ ही मौसम के गर्म और ठंडा होने के कारण मच्छर अपने आप पनपने लगते हैं और इनकी संख्या में काफी वृद्धि होती है. मच्छरों का कोहराम इस कदर होता है कि लोग अपने घर में बिना मच्छर निरोधक उपाय किये बिना न तो सो सकते है और न ही दिन में आराम कर सकते है.

फोगिंग में खर्च होता है रुपया : आप मानें या न मानें, मच्छर उन्मूलन के लिए नगर निगम प्रति वर्ष लगभग 17 लाख रुपया खर्च करता है. पूरे 55 वार्ड में फोगिंग करायी जाती है. एक बार फोगिंग में लगभग 7600 सौ रुपया का खर्च आता है जबकि एक बार पूरे वार्ड में फोकिंग कराने में 4.18 लाख रुपया खर्च होता है. निगम साल में एक वार्ड में चार बार फोगिंग कराता है.

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