मच्छर पर सालाना 15 करोड़ उड़ जाता है हमारा
धनबाद: मच्छर हमारा खून ही नहीं चूसते, ये हमें आर्थिक चपत भी लगाते हैं. आप मानें या न मानें, धनबाद के लोग मच्छर भगाने के लिए सालाना लगभग 15 करोड़ रुपया खर्च करते हैं. दूध लें या न लें, राशन की लिस्ट में मच्छर भगाने वाले प्रोडक्ट मॉसक्विटो क्वाइल, लिक्विड या हिट अनिवार्य रूप से […]
धनबाद: मच्छर हमारा खून ही नहीं चूसते, ये हमें आर्थिक चपत भी लगाते हैं. आप मानें या न मानें, धनबाद के लोग मच्छर भगाने के लिए सालाना लगभग 15 करोड़ रुपया खर्च करते हैं. दूध लें या न लें, राशन की लिस्ट में मच्छर भगाने वाले प्रोडक्ट मॉसक्विटो क्वाइल, लिक्विड या हिट अनिवार्य रूप से शामिल रहता है.
सबसे ज्यादा खपत मॉसक्विटो क्वाइल का है. गरीब से लेकर अमीर तक इसका इस्तेमाल करता है. लिकविड के आने के बाद मैट का बाजार थोड़ा फीका हुआ है. स्प्रे (हिट) की खपत भी काफी बढ़ गयी है.
धनबाद में ब्रांडेड कंपनी गोदरेज साराली, एससी जॉनशन, आरबीआइ व उजाला के प्रोडक्ट बिकते हैं. नन ब्रांडेड कंपनी नाइट क्वाइन, अटैक, लोब्रा आदि प्रोडक्ट की ग्रामीण क्षेत्रों खपत है. अगर आम नागरिक और नगर निगम साफ-सफाई पर ध्यान दे तो यह रकम बच सकती है. सेहत पर भी प्रतिकूल असर नहीं होगा.