इलाज पर रोक न लगे : आइएमए

– बीआइटी के छात्रों की सजा दूसरों को क्यों – धनबाद की लाइफ लाइन है केंद्रीय अस्पताल धनबाद. आइएमए के प्रदेश अध्यक्ष डॉ एके सिंह व धनबाद नर्सिंग होम एसोसिएशन के सचिव डॉ सुशील सिंह ने शनिवार को केंद्रीय अस्पताल के डॉक्टरों व कैजुअल कर्मचारियों से मिल कर शुक्रवार को तोड़-फोड़ की घटना की निंदा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 30, 2014 1:02 AM

– बीआइटी के छात्रों की सजा दूसरों को क्यों – धनबाद की लाइफ लाइन है केंद्रीय अस्पताल धनबाद. आइएमए के प्रदेश अध्यक्ष डॉ एके सिंह व धनबाद नर्सिंग होम एसोसिएशन के सचिव डॉ सुशील सिंह ने शनिवार को केंद्रीय अस्पताल के डॉक्टरों व कैजुअल कर्मचारियों से मिल कर शुक्रवार को तोड़-फोड़ की घटना की निंदा की. डॉ सुशील ने कहा कि यह काम किसी तकनीकी संस्थान के छात्रों का नहीं हो सकता है. तोड़-फोड़ असामाजिक तत्वों द्वारा की गयी है. कहा : अस्पताल में तोड़-फोड़ का खामियाजा अब आम जनता को झेलना पड़ रहा है. दोनों डॉक्टरों ने बीसीसीएल प्रबंधन से अस्पताल में बाहरी मरीजों के इलाज की व्यवस्था को जारी रखने की मांग की. उन्होंने दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है, ताकि इस तरह की घटना को दोहराया न जा सके. विदित हो कि बीसीसीएल के केंद्रीय अस्पताल को धनबाद की लाइफ लाइन माना जाता है. यहां आमतौर पर हर तरह की चिकित्सा सुविधा उपलब्ध है. धनबाद व उसके आस-पास के विभिन्न जगहों से छोटी-बड़ी बीमारियों का इलाज कराने लोग आते हैं.

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