फिर पकड़ाया फर्जी परीक्षार्थी

धनबाद: रेलवे ग्रुप डी परीक्षा में रविवार को आइएसएल (आइएसएम परिसर) में फर्जी परीक्षार्थी पकड़ा गया. बाद में अभ्यर्थी भी पकड़ा गया. दोनों पटना जिले के रहने वाले हैं. पुलिस मामले की जांच कर रही है. जानकारी के अनुसार दानापुर के मनेर थाना अंतर्गत बियापुर निवासी स्व. जगलाल सिंह के पुत्र धर्मेद्र कुमार ने रेलवे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 1, 2014 3:12 AM

धनबाद: रेलवे ग्रुप डी परीक्षा में रविवार को आइएसएल (आइएसएम परिसर) में फर्जी परीक्षार्थी पकड़ा गया. बाद में अभ्यर्थी भी पकड़ा गया. दोनों पटना जिले के रहने वाले हैं. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

जानकारी के अनुसार दानापुर के मनेर थाना अंतर्गत बियापुर निवासी स्व. जगलाल सिंह के पुत्र धर्मेद्र कुमार ने रेलवे में ग्रुप डी की नौकरी के लिए आवेदन किया था. लेकिन उसने अपने स्थान पर पटना जिला के गर्दनीबाग हरनीचक निवासी अनिल कुमार के पुत्र कृष्णा कुमार को परीक्षा में बैठा दिया. परीक्षा नियंत्रक ने जांच के दौरान कृष्णा को पकड़ लिया और धनबाद थाना के हवाले कर दिया. पुलिस ने सेंटर पर ही कृष्णा से पूछताछ की. इस दौरान बाहर खड़ा अभ्यर्थी धर्मेद्र कुमार भी पकड़ लिया गया. कृष्णा ने बताया कि उसने बीस हजार रुपये में परीक्षा पास कराने का सौदा किया था. एडवांस में पांच हजार रुपये लिये थे.

प्रश्न पत्र फाड़ कर ले गया : इधर, पीके राय कॉलेज परीक्षा केंद्र में उत्तर प्रदेश के हाथरस निवासी राजेश सिंह का पुत्र प्रशांत कुमार उत्तर पुस्तिका का एक पेज फाड़ कर साथ ले गया. वह परीक्षा में शामिल हुआ था और जाते वक्त उसने यह कारनामा किया. सरायढेला थाना में रेलवे की ओर से प्राथमिकी दर्ज करा दी गयी है.

16} अभ्यर्थी ही शामिल : रेलवे ग्रुप डी की परीक्षा जिले के कुल 23 सेंटर पर ली गयी. पहली पाली में 15224 की जगह मात्र 2464 परीक्षार्थी ही उपस्थित हुए. दूसरी पाली में 22 सेंटर पर परीक्षा हुई. 14592 की जगह मात्र 2368 परीक्षार्थी ही शामिल हुए. कुल उपस्थिति लगभग 16 प्रतिशत रही. परीक्षा एडीआरएम एचके रघु व सीनियर डीपीओ मनोज कुमार की देख रेख में संपन्न हुई. टाउन इंस्पेक्टर के रूप में कोल एरिया मैनेजर रूपेश कुमार, सीनियर डीसीएम दयानंद, सीनियर टीआरडी बी चौधरी, भारद्वाज चौधरी, एसपी चौधरी, बीएन लाल व अन्य थे. कंट्रोल में आलम हुसैन, पीके साजिद, बीके सिंह, राजीव कुमार व संतोष मिश्र मुस्तैद थे.

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