धनबाद: किसी भी देश की तुलना में भारत में सर्वाइकल कैंसर से महिलाओं की मौत ज्यादा हो रही है. भारत में प्रतिवर्ष 7200 महिलाओं की मौत हर साल हो रही है. यह ज्यादा 18 से 25 उम्र वाली महिलाओं को ही प्रभावित करता है. अधिक से अधिक जागरूकता व बचाव की जानकारी से ही इसे रोका जा सकता है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, झारखंड चैप्टर (महिला विंग) की ओर से जिला स्तर पर पूरे झारखंड में यह अभियान चलाया जायेगा.
उक्त बातें आइएमए (महिला विंग) की स्टेट प्रेसिडेंट व प्रसिद्ध नेत्र चिकित्सक डॉ भारती कश्यप ने कही. डॉ कश्यप यहां एक क्लब में सोमवार को पत्रकारों से बातचीत कर रही थी. इसके पहले उन्होंने आइएमए के धनबाद व बोकारो महिला विंग का गठन किया. उन्होंने कहा कि कोलपोस्कोपी मशीन से जांच करके या पैप स्मीयर टेस्ट से प्रारंभिक चरण में सर्वाइकल कैंसर का पता लगाया जा सकता है. राज्य में सर्वाइकल कैंसर, कुपोषण, आस्टियोपोरोसिस व एनिमिया से महिलाओं की बड़ी आबादी प्रभावित हो रही है. राज्य में कुपोषण की वजह से 40 प्रतिशत बच्चे व 25 प्रतिशत गर्भवती माताओं की मृत्यु हो जाती है. मौके पर आइएमए के स्टेट प्रेसिडेंट डॉ एके सिंह, डॉ संगीता करण, डॉ संजीत किशोर करण, डॉ एके चक्रवर्ती, बोकारो आइएमए के जिलाध्यक्ष डॉ आरएन मिश्र, सचिव डॉ आरके निराला, डॉ डीके सिंह, डॉ बीके सिन्हा आदि मौजूद थे.
पार्क क्लिनिक में दर्जनों की जांच : इससे पहले आइएमए की ओर से पार्क क्लिनिक में सर्वाइकल कैंसर पर जागरूकता सह जांच शिविर का आयोजिन किया गया. चितरंजन नेशनल इंस्टीटय़ूट कोलकाता के गाइनी ओन्कोलोजिस्ट डॉ रंजीत मंडल ने कोलपोस्कोपी टेस्ट से 110 महिलाओं की जांच की. इसमें 70 महिलाओं में संक्रमण पाया गया. चार महिलाओं में कैसर पाया गया. दो महिलाएं प्री कैंसर से ग्रसित पायी गयी. इस दौरान डॉ भारती ने आयरन व फोलिक एसिड की गोली बांटी.