दहशत को दरकिनार किया वोटरों ने
–उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों के वोटरों में दिखा उत्साह मतदाता जागरूकता अभियान का दिखा प्रभाव नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पिछले चुनाव के मुकाबले बढ़ा मतदान का प्रतिशत संवाददाता, बेरमोलोकतंत्र के महापर्व में इस बार बोकारो जिले के उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र गोमिया व बेरमो विस में ग्रामीणों ने माओवादियों के खौफ को पूरी तरह से नकार दिया. […]
–उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों के वोटरों में दिखा उत्साह मतदाता जागरूकता अभियान का दिखा प्रभाव नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पिछले चुनाव के मुकाबले बढ़ा मतदान का प्रतिशत संवाददाता, बेरमोलोकतंत्र के महापर्व में इस बार बोकारो जिले के उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र गोमिया व बेरमो विस में ग्रामीणों ने माओवादियों के खौफ को पूरी तरह से नकार दिया. दोनों जगह भाकपा माओवादियों ने चुनाव से पूर्व नक्सल प्रभावित इलाकों में वोट बहिष्कार की घोषणा की थी. जगह-जगह वोट बहिष्कार से संबंधित पोस्टर व बैनर चिपका कर वोट नहीं देने की चेतावनी दी थी. लेकिन मतदाताओं ने माओवादियों के खौफ को नकार दिया. नक्सल प्रभावित बूथों पर सुबह से ही वोटरों की लंबी लाइन लग गयी थी. गोमिया मंे गत विस चुनाव 53 फीसदी वोट पड़े थे वहीं इस बार 66 फीसदी से अधिक मतदान हुआ. ग्रामीण क्षेत्रों में मतदाता जागरूकता अभियान का काफी प्रभाव दिखा. दहशत के साये में जीने वाले लोगों ने बेखौफ होकर लोकतंत्र के महापर्व मंे भाग लिया. गोमिया विस के उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र हुरलुंग, चुट्टे, चिदरी, चतरोचट्टी, लोधी, बनचतरा, नरकंडी, कर्री में नक्सलियों के वोट बहिष्कार का कोई असर नहीं पड़ा. लोगों ने उत्साह के साथ अपने मताधिकार का प्रयोग किया. उग्रवाद प्रभावित झूमरा, अमन, बलथरवा, सुअरकटवा, जमुनीजारा आदि क्षेत्रों मंेंे पुलिस फोर्स की तैनाती की गयी थी. चप्पे-चप्पे पर बीएसएफ, सीआरपीएफ, झारखंड आर्म्स फोर्स व जगुआर के फोर्स भरे हुए थे. ग्रामीण कहते है कि अब पहले वाली स्थिति नहीं है. नक्सलियों का दहशत खत्म हो रहा है.