धनबाद: धनबाद जिले में विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा में जम कर भितरघात हुआ. मतदान के दिन पार्टी के कई बड़े नेता बूथ से दूर रहे. धनबाद, सिंदरी, निरसा में तो पार्टी प्रत्याशियों की नैया पार लगाने के लिए बड़े नेताओं ने भी बहुत दिलचस्पी नहीं ली. रविवार को जिले के छह विधानसभा क्षेत्रों में मतदान के दौरान भाजपा का बूथ मैनेजमेंट सिस्टम लगभग फेल रहा. अधिकांश मतदान केंद्रों पर वन बूथ, टेन यूथ का दावा हवा-हवाई साबित हुआ.
हालत यह थी कि कई बूथों पर पोलिंग एजेंट को छोड़ दूसरा कोई कार्यकर्ता नहीं था. जानकारों की मानें तो कोयलांचल में भाजपा प्रत्याशियों की नैया पार लगी तो इसके पीछे बहुत बड़ा योगदान मोदी फैक्टर का होगा. धनबाद विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में तो भाजपा के पदाधिकारी भी उदासीन रहे. दूसरे दलों के समर्थकों के साथ कई भाजपा नेताओं को घूमते देखा गया. शहरी क्षेत्र में भी मतदाताओं को घर से निकाल कर बूथ तक लाने में भाजपा समर्थकों की रुचि नहीं दिखी. जबकि लोकसभा चुनाव में भाजपा कार्यकर्ता काफी सक्रिय थे.
सिंदरी में भी उदासीन रहे कार्यकर्ता
सिंदरी विधानसभा क्षेत्र में भी भाजपा कार्यकर्ता उदासीन रहे. बहुत कम बूथों पर ही भाजपा समर्थक सक्रिय नजर आये. भाजपा से ज्यादा सक्रिय वहां दूसरे दलों के कार्यकर्ता दिखे. पार्टी के कई पदाधिकारी भी दूसरे प्रत्याशी के पक्ष में मतदान करवाने में दिलचस्पी ले रहे थे. यहां भितरघात रोकने के लिए पार्टी नेतृत्व भी बहुत गंभीर नहीं दिखा.
निरसा में भी बुरा हाल
निरसा, जो भाजपा के लिए सबसे कठिन क्षेत्र बना हुआ है, में भी भितरघाती काफी सक्रिय रहे. यहां भी बूथों पर भाजपा समर्थकों की उपस्थिति नहीं के बराबर नजर आयी. अलबत्ता कुछ भाजपा नेता दूसरे प्रत्याशियों को वोट दिलाने के लिए जरूरी फील्डिंग सजाते रहे. लगातार मोबाइल से बूथों का हाल लिया जा रहा था. भाजपा प्रत्याशी को हराने के लिए निर्देश दे रहे थे.