सत्संग से मिट जाते हैं पाप : श्रीराम जी

बलियापुर. सत्संग से समस्त प्राणियों के प्रति प्रेम, श्रद्धा व करुणा का भाव अपने आप में उत्पन्न होने लगता है. यह बात मथुरा से आये भगताचार्य श्रीराम जी महाराज ने शुक्रवार को ओमप्रकाश अग्रवाल के निवास स्थान में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के दौरान कही. उन्होंने ध्रुव चरित्र, भरत चरित्र, प्रह्लाद चरित्र, नरसिंह अवतार का वर्णन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 19, 2014 11:03 PM

बलियापुर. सत्संग से समस्त प्राणियों के प्रति प्रेम, श्रद्धा व करुणा का भाव अपने आप में उत्पन्न होने लगता है. यह बात मथुरा से आये भगताचार्य श्रीराम जी महाराज ने शुक्रवार को ओमप्रकाश अग्रवाल के निवास स्थान में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के दौरान कही. उन्होंने ध्रुव चरित्र, भरत चरित्र, प्रह्लाद चरित्र, नरसिंह अवतार का वर्णन किया. कहा कि सत्संग में बैठने मात्र से मानव के पाप मिट जाते हैं. कहा कि 24 तत्वों से बना शरीर नौ माह तक अपनी मां के गर्भ में रह कर भगवान का स्मरण करता है, पर माया रूपी संसार में आते ही मोह-माया के जाल में फंस कर सतकार्य को भूल जाता है. संसार के 84 हजार कोटि के जीवों में मानव सबसे श्रेष्ठ है. मिट्टी से बना यह शरीर एक दिन मिट्टी में ही मिल जाता है. इसलिए मानव को सत्संग से प्रेम करना चाहिए. सत्संग से शरीर पुण्य हो जाता है. जहां श्रीमद्भागवत कथा होती है, वह पावन धरती भी पुण्य हो जाती है. मौके पर ओमप्रकाश अग्रवाल, इंद्रजीत महतो, जगदीप अग्रवाल, जगदीश अग्रवाल, मिठू सरिया, एसके श्रीवास्तव, वासुदेव राव, मोहन ग्रोवर सहित सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद थे.

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