जा रहे साल में जश्न के सौ बहाने
धनबाद. ठंड बढ़ती जा रही है, हवा में कनकनी है. साल 2014 जाने को है, बड़ा दिन आने वाला है. नया साल 2015 भी दस्तक दे रहा है. फिर 23 दिसंबर को मतगणना होने वाली है. नयी सरकार का गठन होगा. … पिकनिक के लिए और क्या चाहिए. सीरियल मौके हैं. युवा वर्ग अभी से […]
धनबाद. ठंड बढ़ती जा रही है, हवा में कनकनी है. साल 2014 जाने को है, बड़ा दिन आने वाला है. नया साल 2015 भी दस्तक दे रहा है. फिर 23 दिसंबर को मतगणना होने वाली है. नयी सरकार का गठन होगा. … पिकनिक के लिए और क्या चाहिए. सीरियल मौके हैं. युवा वर्ग अभी से मचल रहा है. होटल-रेस्तराओं में पार्टी शुरू भी हो गयी है. क्रिसमस को लेकर शहर में जगह-जगह कार्यक्रम हो रहे हैं. राजनीतिक दलों के लोग जीत के दावे कर पार्टी कर रहे हैं. जब रिजल्ट आयेगा तो देखा जायेगा. नये साल के जश्न का सिलसिला अभी से जो शुरू हुआ है वह तो जनवरी महीने तक चलेगा.