रिफॉर्म के नाम पर श्रमिक हितों की उपेक्षा : बीएमएस

कोयला उद्योग में हड़ताल सफल बनाने का आह्वानधनबाद. भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं कोयला उद्योग के प्रभारी डा. बसंत कुमार राय ने कहा है कि रिफॉर्म के नाम पर देश में श्रमिक हितों की उपेक्षा की जा रही है. गुरुवार को जारी बयान में डा. राय ने कहा है कि केंद्र सरकार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 25, 2014 10:04 PM

कोयला उद्योग में हड़ताल सफल बनाने का आह्वानधनबाद. भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं कोयला उद्योग के प्रभारी डा. बसंत कुमार राय ने कहा है कि रिफॉर्म के नाम पर देश में श्रमिक हितों की उपेक्षा की जा रही है. गुरुवार को जारी बयान में डा. राय ने कहा है कि केंद्र सरकार सुधार के नाम पर लगातार श्रमिक हितों पर प्रहार कर रही है. देशी- विदेशी पूंजीपतियों, उद्योगपतियों को श्रमिक कानूनों में छूट देकर श्रमिक हितों के संरक्षण की बजाय श्रमिक शोषण का रास्ता प्रशस्त कर रही है. इसी क्रम में गलत ढंग से आवंटित कोल ब्लॉक के आवंटन को रद्द करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सहारा ले कर सरकार कोयला उद्योग को निजी हाथों में सौंपने के लिए अध्यादेश लायी है. कहा कि राष्ट्रीय कोयला वेतन समझौता से टाटा स्टील, जिंदल स्टील एवं पावर, इम्टा, राज्यों के खनिज विकास निगमों ने अपने को अलग कर लिया तथा धड़ल्ले से मजदूरों का शोषण कर रहे हैं. केंद्र की पिछली कई सरकारों ने लगभग चार सौ कोयला खदानों के लिए अवरोध बने फॉरेस्ट एवं पर्यावरण क्लियरेंस के बारे में कोई तत्परता नहीं दिखाई, सरकार ने पिट हेड पर बरबाद हो रहे कोयले के लिए रेलवे इन्फ्रास्ट्रक्चर व वैगन आदि की कमी दूर करने के लिए कोई सक्षम उपाय नहीं किया. सरकारी कोल कंपनियां बिना सक्षम अधिकारियों के चलने पर मजबूर रहीं. दूसरी तरफ निजी कोयला खनन कंपनियां मजदूरों का श्रम शोषण कर वेतन, सुविधाओं, सामाजिक सुरक्षा प्रावधानों को लागू नहीं कर श्रम कानूनों का खुला उल्लंघन करती रही. उन्होंने इन बिंदुओं को ले कर छह से दस जनवरी तक कोयला उद्योग में आहूत कलमबंद हड़ताल को सफल बनाने की अपील की है.

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