हॉस्पिटल मैनेजमेंट सोसाइटी (एचएमएस) में रजिस्ट्रेशन नहीं होने की वजह से सदर अस्पताल का आयुष्मान भारत योजना से अर्जित 25 लाख रुपये फंस हुआ है. आयुष्मान योजना के मरीजों का इलाज कर सदर अस्पताल ने 25 लाख रुपये अर्जित किया था. पैसे सदर अस्पताल के खाते में काफी पहले पहुंच गये हैं. स्वास्थ्य चिकित्सा, शिक्षा व परिवार कल्याण विभाग की गाइडलाइन के अनुसार आयुष्मान भारत योजना से अर्जित राशि का इस्तेमाल अस्पताल में भर्ती मरीजों की जरूरतों को पूरा करने में किया जा सकता है. जरूरत के अनुसार इस राशि का इस्तेमाल आवश्यक दवा व विकास कार्य के लिए किया जा सकता है. विभागीय कुछ अधिकारियों की लापरवाही के कारण अस्पताल का रजिस्ट्रेशन एचएमएस पोर्टल पर अबतक कराया ही नहीं गया है. ऐसे में मरीजों से जुड़ी जरूरतें पूरी नहीं हो पा रही है. अस्पताल प्रबंधन को जिला स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों पर निर्भर होना पड़ता है. पिछले दिनों सदर अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंचे स्वास्थ्य विभाग के उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल के आरडीडी डॉ सिद्धार्थ सान्याल ने इसे लेकर नाराजगी भी जतायी थी. साथ ही सीएस को जल्द ही एचएमएस में रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरा करने का निर्देश दिया है. आयुष्मान की राशि से निजी चिकित्सक से सेवा लेने का प्रावधान : सदर अस्पताल में आयुष्मान भारत योजना से अर्जित राशि से निजी अस्पताल के चिकित्सकों से सेवा लेने का प्रावधान है. पिछले दिनों स्वास्थ्य विभाग के मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह की अध्यक्षता में रांची में आयोजित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की बैठक में यह निर्णय हुआ था. वर्तमान में आयुष्मान से अर्जित राशि फंसी होने के कारण यह योजना भी फंसी हुई है. मरीजों के इलाज के एवज में निजी चिकित्सकाें को आयुष्मान से अर्जित राशि से भुगतान करने का प्रावधान है. राशि से कर्मियों की कमी की जा सकती है दूर : आयुष्मान भारत योजना से जुड़ी राशि से सदर अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मियों की कमी को दूर किया जा सकता है. इस राशि से आउटसोर्स पर कर्मी बहाल करने का भी प्रावधान है. एचएमएस में रजिस्ट्रेशन नहीं होने के कारण राशि की निकासी रुकने से यह योजना भी लटकी हुई है. वर्तमान में दवा की कमी : वर्तमान में सदर अस्पताल में दवा की घोर कमी है. कई तरह की आवश्यक दवाएं अस्पताल में मौजूद नहीं है. सर्जरी से जुड़े सामान की भी कमी है. कई बार आवश्यक दवाएं समेत सर्जरी से जुड़े सामान मरीजों के परिजनों को बाहर से खरीद कर लाना पड़ता है. ऐसे कई मामल हाल के दिनों में प्रकाश में आ चुके हैं. अस्पताल में मरीजों के संसाधन से जुड़े अन्य कार्य भी आयुष्मान की राशि के फंसे होने के कारण पूरी नहीं हो पा रहे हैं. वर्जन सदर अस्पताल का एचएमएस में रजिस्ट्रेशन कराने की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी. इसके साथ ही आयुष्मान से अर्जित राशि की निकासी संभव होगी. इससे मरीजों की आवश्यकताओं के साथ अस्पताल से जुड़ी जरूरतों को पूरा किया जायेगा. डॉ चंद्रभानु प्रतापन, सीएस
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